खुश होना सीखें, अहंकार जायेगा, सद्बुद्धि आयेगी
सहरसा मुख्यालय. प्रताप नगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ में साप्ताहिक युवा गोष्ठी हुई. जिसमें विभिन्न संस्कार शालाओं के लगभग दो सौ बच्चे शामिल हुए. युवाओं को संबोधित करते ट्रस्टी अरूण कुमार जायसवाल ने कहा कि जीवन को सुखमय बनाने के लिए और कुछ नहीं, सिर्फ खुश रहना सीखना चाहिए. इससे मन का अहंकार स्वत: समाप्त हो […]
सहरसा मुख्यालय. प्रताप नगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ में साप्ताहिक युवा गोष्ठी हुई. जिसमें विभिन्न संस्कार शालाओं के लगभग दो सौ बच्चे शामिल हुए. युवाओं को संबोधित करते ट्रस्टी अरूण कुमार जायसवाल ने कहा कि जीवन को सुखमय बनाने के लिए और कुछ नहीं, सिर्फ खुश रहना सीखना चाहिए. इससे मन का अहंकार स्वत: समाप्त हो जाता है और सद्बुद्धि आयेगी.
श्री जायसवाल ने कहा कि दूसरों की प्रगति देख इनसान में ईष्र्या होती है. जो उसके पिछड़ने का सर्वप्रमुख कारण है. वर्तमान को अपना शत्रु नहीं, बल्कि मित्र बनाना चाहिए. ट्रस्टी जायसवाल ने कहा कि मनुष्य के मन पर उसके द्वरा किये जाने वाले भोजन का भी असर पड़ता है. सात्विक भोजन करने वाला मनुष्य शालीन और विवेकशील होता है.
जबकि तामसिक भोजन करने वाला व्यक्ति अविवेकी और दुराचार से ग्रस्त होता है. उन्होंने कहा कि बलात्कार जैसी घटनाएं कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक समस्या है. विकृत होते जा रहे समाज के लोगों को मानसिक बदलाव लाना होगा. गोष्ठी में मुख्य ट्रस्टी डॉ श्रीप्रकाश लाल दास, केदारनाथ टेकरीवाल, श्यामानंद लाल दास, ललन कुमार सिंह, दिनेश दिनकर, हरेकष्ण साह, पप्पू गनेरीवाल, जीतू, सुशील, सुनिता चोधरी, मनीषा, दीपा सहित अन्य मौजूद थे.