बिहार को छोटे व बड़े भाई से दिलाएं निजात
सहरसा. पीएम मोदी अपने सभा के दौरान बिहार में पूरी तरीके से चुनावी अंदाज में नजर आये. बिहार में एनडीए की सरकार बनाने के लिए मोदी ने अपने पूरे भाषण के दौरान नीतीश-लालू का नाम लिए बगैर छोटे भाई व बड़े भाई को निशाने पर रखा. सात साल पहले आज ही के दिन कोसी में […]
सहरसा. पीएम मोदी अपने सभा के दौरान बिहार में पूरी तरीके से चुनावी अंदाज में नजर आये. बिहार में एनडीए की सरकार बनाने के लिए मोदी ने अपने पूरे भाषण के दौरान नीतीश-लालू का नाम लिए बगैर छोटे भाई व बड़े भाई को निशाने पर रखा. सात साल पहले आज ही के दिन कोसी में आये भयंकर बाढ़ कुसहा त्रसदी की चर्चा करते मोदी ने कहा कि उस त्रसदी में वे कोसी के पीड़ित परिवारों की सहायता करना चाह रहे थे. लेकिन, यहां के राजनेता अपने अहंकार के कारण दोस्ती की पहचान को भूल कोसी के हजारों बेबस लाचार पीड़ितों के दुख दर्द की परवाह किये बिना अपने अहंकार के कारण उनका मदद लेने से इनकार कर दिया गया था.
उन्होंने कहा कि जो लोग अहंकार के कारण लोगों के दुख दर्द की परवाह नहीं करते है वैसे लोगों से बिहार की जनता क्या अपेक्षा कर सकती है. जो लोग जयप्रकाश जैसे लोगों के अपमान को भूल कांग्रेसियों से हाथ मिला जा बैठे. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ऐसे लोगों को स्वीकार करने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि छह महीने में बिहार में बढ़ते अपराध के ग्राफ से बिहार की जनता को जंगलराज का फिर से भय सताने लगा है. पीएम ने भरी भीड़ से कहा कि यदि बिहार के सामान्य नागरिकों की जिंदगी सुरक्षित करना चाहते हैं, तो खतरे की घंटी को समझ पटना में भाजपा व एनडीए की सरकार को बनाने में बिहार की जनता साथ दे. उन्होंने कहा कि फिर बिहार की तसवीर और बिहार के नवनिर्माण का स्वरूप केंद्र की तरह ही लोगों को बिहार में ही नजर आनी शुरू हो जायेगी. इस तरह पीएम ने छोटे भाई नीतीश पर प्रहार करते कहा कि कुसहा त्रसदी के दौरान गुजरात सरकार द्वारा पांच करोड़ का सहायता चेक लौटा कर नीतीश ने अपने अहंकार का परिचय दिया था.