दशहरा : भव्य पूजा पंडालों से बनने लगी शहर की पहचान

दशहरा : भव्य पूजा पंडालों से बनने लगी शहर की पहचान भक्तिमय माहौल में रमा शहरपूरे शहर में लगा मेले का नजारापंडालों में जोर शोर से हो रही तैयारीप्रवासी लोग भी लेते है बढ़-चढ़ कर हिस्साप्रतिनिधि, सहरसा नगर दुर्गा पूजा के मौके पर पश्चिम बंगाल में कोलकाता व झारखंड में टाटा नगरी में पूजा को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2015 7:23 PM

दशहरा : भव्य पूजा पंडालों से बनने लगी शहर की पहचान भक्तिमय माहौल में रमा शहरपूरे शहर में लगा मेले का नजारापंडालों में जोर शोर से हो रही तैयारीप्रवासी लोग भी लेते है बढ़-चढ़ कर हिस्साप्रतिनिधि, सहरसा नगर दुर्गा पूजा के मौके पर पश्चिम बंगाल में कोलकाता व झारखंड में टाटा नगरी में पूजा को लेकर बनाये जाने वाले पंडालों की चर्चा तो खूब होती है. लेकिन अभी के दिनों में कोसी की हृदय स्थली माने जाना वाला सहरसा जिला मुख्यालय में शहर के विभिन्न इलाकों में बन रहे दुर्गा पूजा पंडाल को देखकर लोग इसे बरबस मिनी कोलकाता कह देते है. शहर के आठ किलोमीटर के रेडियस में होने वाले दुर्गा पूजा महोत्सव की वजह से नगर परिषद की कोई भी सड़क अछूती नहीं रहती है. जिसके वजह से पूजा के दिनों में बाजार की सभी सड़क व मुहल्लों में दुर्गा पाठ ही गुंजायमान होते रहता है. प्राचीन काल से होती है पूजाशहर के सब्जी मंडी व कपड़ा पट्टी के मध्य में स्थित अति प्राचीनतम श्री बड़ी दुर्गा स्थान में कई दशकों से नवरात्र के मौके पर मेले व पारंपरिक पूजा-अर्चना का आयोजन होता है. मंदिर के पूजारी बताते है कि वर्ष 1985 में यहां भव्य मंदिर निर्माण के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी थी. इससे पूर्व झोपड़ी में ही मां दुर्गा की पूजा करने के साथ ही इस जगह पर मेले का आयोजन होता था.प्रवासी करते है पूजा अर्चनास्थानीय रेलवे विभाग में कार्यरत कर्मियों द्वारा भी लगभग साठ बरसों से रेलवे कॉलोनी व लोको शेड परिसर में पूजा पंडाल में प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है. रेलवे कॉलोनी में जहां रेलवे के मेडिकल, सिग्नल, अभियंत्रिकी, प्रशासन सहित अन्य विभागों के कर्मियों द्वारा पूजा अर्चना कर मेले का आयोजन किया जाता है. वही लोकोशेड परिसर में लोको एवं कैरेज कर्मियों के द्वारा पूजा का आयोजन किया जाता है. इस मौके पर कमेटी द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है. मालूम हो कि उक्त दोनों जगहों पर अधिकांश बाहर से आकर सहरसा में नौकरी कर रहे प्रवासियों द्वारा शुरू की गयी परंपरा आज भी कायम है.रंग ला रही है आस्थास्थानीय एमएलटी कॉलेज के मुख्य द्वार के समीप स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा कम ही समय में लेकिन लोगो के आस्था का केेंद्र बन गयी है. पूर्वांचल दुर्गा पूजा समिति द्वारा प्रत्येक वर्ष नवरात्रा के मौके पर भव्य पूजा अर्चना सहित रावण वध का आयोजन किया जाता है. कॉलेज गेट मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में नवरात्र के मौके पर सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है. फोटो- दुर्गा 8- बड़ी दुर्गा स्थान में स्थपित देवी दुर्गा की प्रतिमाफोटो- दुर्गा 9- कॉलेज गेट स्थित दुर्गा स्थान.

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