किसी को जीवन देना लाखों रुपये से अधिक : आयुक्त

किसी को जीवन देना लाखों रुपये से अधिक : आयुक्त फोटो- हॉस्पीटल 6 व 7 – उद्घाटन करती आयुक्त टीएन बिंदेश्वरी व मौजूद कर्मी -सदर अस्पताल मे आयोजित प्रमंडलीय स्तरीय कार्यशाला का आयोजन प्रतिनिधि, सहरसा सिटीसदर अस्पताल में गुरूवार को मातृ -शिशु मृत्यु दर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्घाटन प्रमंडलीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2015 6:45 PM

किसी को जीवन देना लाखों रुपये से अधिक : आयुक्त फोटो- हॉस्पीटल 6 व 7 – उद्घाटन करती आयुक्त टीएन बिंदेश्वरी व मौजूद कर्मी -सदर अस्पताल मे आयोजित प्रमंडलीय स्तरीय कार्यशाला का आयोजन प्रतिनिधि, सहरसा सिटीसदर अस्पताल में गुरूवार को मातृ -शिशु मृत्यु दर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्घाटन प्रमंडलीय आयुक्त टीएन बिंदेश्वरी, स्वास्थ्य उपनिदेशक डॉ शशिभूषण शर्मा, सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यशाला को संबोधित करते आयुक्त सुश्री बिंदेश्वरी ने कहा कि चिकित्सकों का प्रोफेशन ही ऐसा है जो सबके लिये जरूरी होता है. गरीब व अमीर सबों को बीमारी होती है. सरकार के सभी कार्यक्र म अच्छे हैं. लेकिन मॉनीटरिंग के अभाव में हम असफल हो रहे हैं. डॉक्टरों को हमेशा नये विधि से अपडेट होना चाहिए. डॉक्टर का भी कोई कसूर नहीं है, इंफ्रास्टक्चर की कमी है. लेकिन जो भी है, उसी में बेहतर करने की सोच होनी चाहिए. हमलोग सरकार के अधीन जरूर हैं, लेकिन मानवता को भी जिंदा रखना होगा. किसी की जान बचाना लाखों रूपये की कमाई से ज्यादा है. उन्होंने स्वास्थ्य कर्मी से जच्चा व बच्चा की विशेष ख्याल रखने की अपील की ताकि मृत्यु दर में कमी आ सकें. डॉक्टर की होगी प्रतिनियुक्ति आयुक्त ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद सदर अस्पताल में अच्छे डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. इसके साथ ही इंफ्रास्टक्चर में भी बढ़ोतरी करने का प्रयास किया जाएगा. ताकि लोगो को 24 घंटे इलाज की सुविधा मिल सके. इसके लिये जिलाधिकारी से बात हुई है. अच्छे डॉक्टरों की कमी नही है. प्रशिक्षण आवश्यक है. बिना प्रशिक्षण के डॉक्टर, नर्स व कर्मी आधुनिकता से वाकिफ नहीं हो पाते हैं. मृत्यु दर का हो सही आकलन कार्यशाला को संबोधित करते स्वास्थ्य उपनिदेशक डॉ शशिभूषण शर्मा ने कहा कि मातृ एवं शिशु दर को कम करने के लिये सरकार कृतसंकल्पित है. लेकिन सही आकलन नहीं होने के कारण मृत्यु के कारणों का पता चलना कठिन है.मृत्यु के कारणों की जांच के बाद जो भी कारण सामने आयेंगे, उसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में जो व्यवधान है, उसकी पहचान कर निर्धारित समय सीमा के अंदर उसका निराकरण करना है. ताकि स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को सुढृढ कर मृत्यु दर में कमी लायी जा सके. इसके लिये आशा, आंगनबाड़ी, एएनएम द्वारा मातृ मृत्यु के लिये फॉर्म छह व शिशु मृत्यु के लिये फॉर्म एक के माध्यम से सूचना देने को कहा गया है. मौके पर डीटीओ डॉ अरविंद कुमार, डीआइओ डॉ संजय कुमार सिंह सहित सहरसा, सुपौल व मधेपुरा के सिविल सर्जन, पीएचसी प्रभारी व अन्य मौजूद थे.

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