पलायन को विवश हैं मतदाता, कैसे होगा शत प्रतिशत मतदान
पलायन को विवश हैं मतदाता, कैसे होगा शत प्रतिशत मतदान फोटो-03कैप्सन- पलायन करते मजदूर. प्रतिनिधि, सुपौलचुनाव में शत-प्रतिशत मतदाताओं की भागीदारी हो इसके लिए विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के अभियान चलाये जा रहे हैं. यहां तक कि विभाग द्वारा लोकतंत्र के एक- एक वोट की अहमियत को लेकर जगह-जगह चर्चा भी करायी जा रही है. […]
पलायन को विवश हैं मतदाता, कैसे होगा शत प्रतिशत मतदान फोटो-03कैप्सन- पलायन करते मजदूर. प्रतिनिधि, सुपौलचुनाव में शत-प्रतिशत मतदाताओं की भागीदारी हो इसके लिए विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के अभियान चलाये जा रहे हैं. यहां तक कि विभाग द्वारा लोकतंत्र के एक- एक वोट की अहमियत को लेकर जगह-जगह चर्चा भी करायी जा रही है. बावजूद इसके इन सभी अभियान का प्रभाव बेरोजगार मतदाताओं पर बेकार साबित हो रहा है. इस कारण बेरोजगारी का दंश झेल रहे ग्रामीण इलाके के लोग आजीविका को लेकर आये दिन देश के विभिन्न प्रदेशों में पलायन करने को विवश हैं. मतदान पर भारी पड़ रही आजीविका निरंतर बढ़ रही बेरोजगारी के कारण कोसी क्षेत्र की अधिसंख्य आबादी अन्य प्रदेशों में कमाई कर अपने परिवार की गाड़ी चलाती है. इस कारण ऐसे लोगों पर आजीविका के आगे किसी का महत्व नहीं रह जाता. आजादी के बाद से हुए प्रत्येक चुनावों में विभिन्न दलों द्वारा सूबे में विकास होने का वादा किया गया. विकास को लेकर कई योजनाओं का शुभारंभ भी किया गया. यहां तक कि विकास को लेकर प्रदेश भर में कई जिले, अनुमंडल, प्रखंड व पंचायत का निर्माण किया गया. ताकि समाज के हाशिये पर जीवन व्यतीत कर रहे लोगों को आजीविका उपलब्ध हो सके. लेकिन अधिकांश योजनाएं सिर्फ छलावा साबित हुई. जिस कारण अब तक कोसी के इलाके के गरीब व बेरोजगार अन्य प्रदेशों में जाकर जीवन निर्वाह करने को विवश हैं. पलायन कर रहे लोगों की दास्तांप्रखंड क्षेत्र के मो सलीम, मो सफु द्दीन तेजो राय सहित अन्य ने बताया कि वे लोग कई दशकों से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई सहित अन्य जगहों पर मजदूरी करते आ रहे हैं. बताया कि कोसी का इलाका उनका जन्म स्थान जरूर है. जिस कारण वे अपने परिवारों के बीच पर्व – त्योहार मनाने आते हैं. मजदूरों ने बताया कि परिवार से दूर रहने में काफी परेशानी होती है. जीवन जीने के लिए अर्थ का जुगाड़ तो करना ही पड़ता है. आज समाज में उन व्यक्तियों का स्थान है, जो आर्थिक रूप से समृद्ध है. सरकार कोसी क्षेत्र में उद्योग लगा कर उन लोगों को रोजगार उपलब्ध कराये तो वे लोग भी यहां रह कर लोकतंत्र के इस महापर्व में अपने मताधिकार का प्रयोग करते. पर, सरकार द्वारा उपेक्षित होने के कारण अन्य प्रदेश पलायन कर रहे हैं.कृषकों की स्थिति है दयनीयकोसी का इलाका कृषकों के लिए जाना जाता रहा है. इस इलाके में अधिकांश लघु व सीमांत किसान कृषि कार्य कर अपनी जीविका चलाते है. ऐसे में कृषि क्षेत्र की उपेक्षा किया जाना लोगों के समझ से परे हैं. लोगों ने बताया कि सरकार द्वारा कृषि व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर जिले सहित प्रखंड स्तर पर विभाग का गठन किया गया है. लेकिन सरकारी महकमा अब तक किसानों को यह नहीं समझा पाये हैं कि किसान कौन फसल का पैदावार करें जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके. साथ ही कृषि कार्य को लेकर सुविधा भी मुहैया नहीं कराया जा सका है.