जीवन को भी खेल की तरह रखें जीवंत
जीवन को भी खेल की तरह रखें जीवंत फोटो – खेल 12 – उद्घाटन करते मुख्य अतिथि सह पूर्व प्राचार्य शैलेन्द्र मिश्र सहित अन्य -अंतर विश्वविद्यालय खो-खो प्रतियोगिता आयोजित-राजेंद्र मिश्र कॉलेज के प्रांगण में हुआ आयोजनप्रतिनिध, सहरसा शहर. स्थानीय राजेन्द्र मिश्र महाविद्यालय प्रांगण में अंतर विश्वविद्यालय खो-खो प्रतियोगिता का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि सह पूर्व […]
जीवन को भी खेल की तरह रखें जीवंत फोटो – खेल 12 – उद्घाटन करते मुख्य अतिथि सह पूर्व प्राचार्य शैलेन्द्र मिश्र सहित अन्य -अंतर विश्वविद्यालय खो-खो प्रतियोगिता आयोजित-राजेंद्र मिश्र कॉलेज के प्रांगण में हुआ आयोजनप्रतिनिध, सहरसा शहर. स्थानीय राजेन्द्र मिश्र महाविद्यालय प्रांगण में अंतर विश्वविद्यालय खो-खो प्रतियोगिता का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि सह पूर्व प्राचार्य शैलेन्द्र मिश्र ने किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ पीसी खां तथा संचालन डॉ विनय कुमार चौधरी ने किया. तीन दिनों तक चलने वाले इस प्रतियोगिता में आठ महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं की भागीदारी होगी. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व प्राचार्य सह मुख्य अतिथि डॉ मिश्र ने कहा कि खेल जीवन में उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है. बच्चों को खेल, खेल की भावना से खेलनी चाहिए. महाविद्यालय प्राचार्य डॉ पी सी खां ने कहा कि खेल में हार व जीत होती है. लेकिन मुख्य बिन्दु अनुशासन है. खेल अनुशासन सिखाता है. बिना अनुशासन के खेल का महत्व नहीं रह जाता. उन्होंने कहा कि पूरे जीवन को भी खेल भावना की तरह जीवंत रखने की जरूरत है. रमेश झा महिला कॉलेज प्राचार्या डॉ रेणु सिंह ने कहा कि खेल, प्रेम, सद्भाव, अनुशासन व आदर्श सिखाता है. खेल ही जीवन में कुछ करने की तमन्ना पैदा करती है. सहरसा कॉलेज के प्राचार्य डॉ केपी यादव ने कहा कि प्रत्येक वर्ष विश्वविद्यालय द्वारा खेल प्रतियोगिता का आयोजन भिन्न-भिन्न महाविद्यालयों में किया जाता है. इससे साबित होता है कि जीवन में सफलता के लिए पढ़ाई व खेल दोनों ही बेहद आवश्यक है. उन्होंने कहा खेल के दौरान प्रतिस्पर्द्धा होती है. लेकिन समाप्ति के बाद प्रेम का प्रदर्शन ही खेल को जीवंत बनाता है. सोनवर्षा कॉलेज के प्राचार्य डॉ केएस ओझा ने कहा कि खेल में हमेशा खिलाड़ी अग्रणी होता है तथा उन्हें अपने प्रदर्शन का एक अच्छा अवसर मिलता है. इस मौके पर प्रो ललन अद्री, प्रो मनोरंजन सिन्हा, प्रो अरविन्द कुमार, डॉ अरुण कुमार खां, प्रो जमील अहमद, रेवती रमण झा, शिवनंद झा, कुमोद कुमार झा, दयानंद झा आदि मौजूद थे.