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बूथ नहीं तो मतदान नहीं

बूथ नहीं तो मतदान नहीं मामला कांठो पंचायत का, बीएलओ पर लगाया गया आरोपकहा, अपने स्वार्थ के लिए घर के समीप ले गये बूथसिमरी बख्तियारपुर. प्रखंड के कांडो पंचायत स्थित बूथ संख्या-137 को बीएलओ द्वारा एक साजिश के तहत गुपचुप तरीके से एक किलोमीटर दूर एनपीएस सिंगरौली ले जाने का आरोप लगाते ग्रामीणों ने बूथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2015 7:32 PM

बूथ नहीं तो मतदान नहीं मामला कांठो पंचायत का, बीएलओ पर लगाया गया आरोपकहा, अपने स्वार्थ के लिए घर के समीप ले गये बूथसिमरी बख्तियारपुर. प्रखंड के कांडो पंचायत स्थित बूथ संख्या-137 को बीएलओ द्वारा एक साजिश के तहत गुपचुप तरीके से एक किलोमीटर दूर एनपीएस सिंगरौली ले जाने का आरोप लगाते ग्रामीणों ने बूथ पर ही हंगामा कर बूथ नहीं तो मतदान नहीं का नारा लगाया. ग्रामीणों ने एसडीओ को आवेदन देकर कहा कि सहायक केन्द्र बूथ संख्या-137 पर देश के प्रथम चुनाव 1952 से ही गत चुनाव तक मतदान होते आया है. लेकिन बीएलओ शंकर पासी ने निजी स्वार्थ में एक किलोमीटर दूर एनपीएस सिंगरौली में बूथ बना दिया है. चूंकि बीएलओ का घर भी बूथ के बगल में ही है. नये बूथ की स्थिति यह है कि एनपीएस सिंगरौली चारों तरफ पानी एवं जलकुंभी से घिरा है. बूथ पर जाने का एकमात्र रास्ता महादलित टोले की तंग गली से है. जिस गली में मात्र एक व्यक्ति ही गुजर सकता है. अगर कोई मतदाता का शरीर मोटा एवं विकलांग है तो बूथ पर जा ही नहीं सकते हैं. ऐसी स्थिति में नयी जगह पर ग्रामीणों से बिना विचार विमर्श किये बूथ ले जाना वोट को प्रभावित करने की मंशा उजागर होती है. ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि नये स्थान पर एक किलोमीटर पैदल चलकर किसी भी कीमत पर मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे. इस संबंध में एसडीओ सुमन प्रसाद साह ने बताया कि मुझे कोई आवेदन नहीं मिला है. अगर मिलता है तो जांच करेंगे. मतदाताओं को सुविधा प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है. फोटो – बूथ 20 – नयी जगह बूथ ले जाने का विरोध करते ग्रामीण.

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