बीच बाजार अपराधियों ने लूट लिये दो लाख

मधेपुरा : बेखौफ लुटेरों ने सोमवार की दोपहर शहर के मुख्य बाजार स्थित मधेपुरा होटल के सामने सड़क पर एक बुजुर्ग के हाथ से दो लाख रुपये से भरा बेग लूट कर फरार हो गया. बुजुर्ग प्रदीप यादव द्वारा शोर मचाने पर कुछ राहगीर बाइक चालक लुटेरों का थोड़ी दूर तक पीछा भी किया, लेकिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2015 7:18 PM

मधेपुरा : बेखौफ लुटेरों ने सोमवार की दोपहर शहर के मुख्य बाजार स्थित मधेपुरा होटल के सामने सड़क पर एक बुजुर्ग के हाथ से दो लाख रुपये से भरा बेग लूट कर फरार हो गया.

बुजुर्ग प्रदीप यादव द्वारा शोर मचाने पर कुछ राहगीर बाइक चालक लुटेरों का थोड़ी दूर तक पीछा भी किया, लेकिन दुसाहसी अपराधी फरार होने में कामयाब रहे.

घटना के बाद सूचना मिलने पर पहुंची मधेपुरा पुलिस अपराधियों का पीछा करने या सीमावर्ती क्षेत्रों में चेकिंग अभियान चलाने के बजाय घटना को संदेहास्पद मानकर सुस्त हो गये. पीड़ित प्रदीप यादव मुरलीगंज थाना क्षेत्र डूमरिया पंचायत स्थित कोलाहपटटी गांव के निवासी है. पीड़ित ने पुलिस को दिये अपने बयान में बताया कि वह अपने गांव में मकान बना रहा है. मठाई के ईंट भट्ठा मालिका का 70 हजार रुपया बकाया था,

जिसे चुकाने के लिए वह अपने गांव के पपलीन यादव, विशेश्वर ऋषिदेव, व विष्णुदेव यादव से 30-30 हजार रुपया कर्ज लेकर और अपना भैंस बेच कर एक लाख बीस हजार रुपया लेकर सोमवार को मधेपुरा पहुंचा. प्रदीप यादव ने बताया है कि अपने एक और रिश्तेदार अमीरी यादव से भी उसने 75 हजार रुपये कर्ज पर मांगे थे.

मधेपुरा पहुंचने पर अमीरी यादव उन्हें लेकर पूर्णिया गोला चौक स्थित सेंट्रल बैंक गया और 75 हजार रुपये निकाल कर दे दिया. इन पैसों को एक हैंड बैग में रख कर वह अपने दामाद के घर के तरफ जा रहा था. इस दौरान मधेपुरा होटल के समीप पीछे से पहुंचे एक बाइक पर सवार दो युवक ने उनके हाथ से बैग छीन लिया और चलते बने.

तत्काल शोर मचाने पर कुछ लोग बाइक सवार के तरफ दौड़ कर पकड़ना चाहा, लेकिन बाइक सवार अपराधी भागने में सफल रहे. वहीं घटना स्थल के आस पास के दुकानदारों ने भी बताया कि बुजुर्ग से शोर मचाने पर कई बाइक सवार राहगीर अपराधी का पीछा भी किया, लेकिन अपराधी भागने में सफल रहे.

इस घटना के बाद पहुंची सदर थाना पुलिस पीड़ित को थाना ले गयी और मामले की तफ्तीश में जुटी रही. इस दौरान एएसपी राजेश कुमार सदर इंस्पेक्टर व सदर थानाध्यक्ष थाना पर ही बैठे रहे और लूट की इस वारदात को संदिग्ध करार देकर टालते रहे. फिर दिखी पुलिस की नाकामी मधेपुरा.

बीच बाजार में हुई लूट की इस वारदात के बाद मधेपुरा पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है. घटना के एक घंटा बाद तक वरीय अधिकारी और सदर थाना क्षेत्र के सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले सदर थानाध्यक्ष मनीष कुमार थाना पर बैठ कर ही पुरानी घटनाओं की याद ताजा करते रहे.

अगर इस दौरान पुलिस सीमावर्ती थाना क्षेत्रों को अलर्ट कर जिला मुख्यालय नाकेबंदी कर अपराधियों के गिरफ्तारी के लिए सार्थक प्रयास करती तो शायद अपराधी पुलिस की गिरफ्त में होता, लेकिन पुलिस अधिकारी इस घटना को साजिशन वारदात बता कर अपना पल्ला झाड़ रही थी. अगर पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार करने के प्रयास में जुटती और गिरफ्तार कर लेती तो साजिश से पर्दा हटाने में भी पुलिस को मदद मिलती.

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