शहर में 55 वर्ष पुरानी है मौजी साह की दही दुकान

शहर में 55 वर्ष पुरानी है मौजी साह की दही दुकान जायका शहर कामंत्री से लेकर संतरी तक इस दुकान के स्वादिष्ट दही के हैं मुरीदप्रतिनिधि, सहरसा नगरमिथिलांचल की यात्रा पर सहरसा आने वाले लोगों को स्थानीय समस्याओं के अलावा आसपास के मशहुर व्यंजनों के स्वाद से भी रुबरु होने को मिलता है. खासकर चुनावों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2015 6:36 PM

शहर में 55 वर्ष पुरानी है मौजी साह की दही दुकान जायका शहर कामंत्री से लेकर संतरी तक इस दुकान के स्वादिष्ट दही के हैं मुरीदप्रतिनिधि, सहरसा नगरमिथिलांचल की यात्रा पर सहरसा आने वाले लोगों को स्थानीय समस्याओं के अलावा आसपास के मशहुर व्यंजनों के स्वाद से भी रुबरु होने को मिलता है. खासकर चुनावों के मौसम में अन्य जगहों से आने वाले प्रवासी स्वादिष्ट भोजन के प्रति ज्यादा आकर्षित होते हैं. इसी कड़ी में प्रभात खबर द्वारा जायका शहर का कॉलम प्रकाशित किया जा रहा है. ताकि पर्यटकों सहित नयी पीढ़ी के लोग अपनी विरासत में शामिल व्यंजनों को जान सके. वर्ष 1960 में खुली थी दुकानशहर के डीबी रोड प्रवेश करने के बाद जिला परिषद के समाने स्थित मौजी साह की दुकान का साइन बोर्ड बरबस लोगों को आकर्षित कर लेता है. जहां मिठाई से ज्यादा दही की कराही दही की लोकप्रियता को बताती है. तकरीबन 55 साल पहले मौजी साह ने झोपड़ी में दही व सत्तु की दुकान खोली थी. दही का स्वाद धीरे-धीरे इस कदर लोगों की जुबां पर चढ़ने लगा कि जिला सहित आसपास के दूसरे क्षेत्रों से भी आने वाले लोग इस दुकान पर दही खाने से स्वयं को नहीं रोक सके. 2 जनवरी 1999 को मौजी साह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र ब्रह्मदेव साह ने दुकान का संचालन जारी रखा. फिलवक्त मौजी साह की तीसरी पीढ़ी उनके पौत्र मनोज साह दुकान का संचालन कर रहे हैं. अब भी ग्राहक मौजी साह के नाम को देख दही की शुद्धता पर विश्वास करते हैं. सीएम से लेकर मंत्री तक है मुरीदलोकसभा चुनाव के दौरान क्षेत्र भ्रमण करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सह सांसद शरद यादव मौजी साह की दुकान में दही व मिठाई का लुत्फ उठा चुके हैं. इसके पूर्व तत्कालीन मंत्री पंडित रमेश झा, लहटन चौधरी, अमरेंद्र मिश्र, चौधरी सलाउद्दीन, शंकर प्रसाद टेकरीवाल सहित राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, डॉ जग्रन्नाथ मिश्र व वर्तमान सीएम नीतीश कुमार भी मौजी साह की दही का स्वाद प्रवास में ले चुके हैं. वर्तमान के सभी अधिकारी व नेता आर्डर पर दही मंगवाते हैं. दादा का संस्कार है गुणवत्तादुकान संचालक मनोज साह बताते हैं कि 55 साल बाद खाने वाले लोग बदल गये लेकिन मौजी साह की दही का स्वाद अब भी मानक के अनुरुप है. उन्होंने बताया कि गुणवत्ता को कायम रखने के लिए दादा जी के द्वारा दिये गये संस्कार को आगे भी कायम रखना है. ज्ञात हो कि 5 रुपये प्रति किलो की दर से शुरु हुई दही की दुकान में अब दही सौ रुपये किलो मिल रही है. फोटो- दुकान 4 व 5 – दुकान व अंदर दही के साथ संचालक.

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