नारी शक्ति का अनोखा रूप, सीने पर जमाया कलश

नारी शक्ति का अनोखा रूप, सीने पर जमाया कलश महिषी. शक्ति में भक्ति से शक्ति का शाश्वत स्वरूप क्षेत्र के विभिन्न उपासकों के कठिन तप में स्पष्ट परिलक्षित होता दिख रहा है. क्षेत्र के महिसरहो गांव स्थित भगवती गहबर में पिछले तीन वर्षों से स्थानीय ग्रामीण महिला उपासक अपने सीने पर कलश स्थापित कर नारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2015 6:47 PM

नारी शक्ति का अनोखा रूप, सीने पर जमाया कलश महिषी. शक्ति में भक्ति से शक्ति का शाश्वत स्वरूप क्षेत्र के विभिन्न उपासकों के कठिन तप में स्पष्ट परिलक्षित होता दिख रहा है. क्षेत्र के महिसरहो गांव स्थित भगवती गहबर में पिछले तीन वर्षों से स्थानीय ग्रामीण महिला उपासक अपने सीने पर कलश स्थापित कर नारी शक्ति से समाज कल्याण का कठिन तप करने में लगी है. अहले सुबह से ही साधना में लीन तिलया देवी का दर्शन करने लोगों की भीड़ लगी रहती है. साधिका तिलया के पिता ब्रह्मदेव चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि उसकी बेटी बचपन से ही पूजा पाठ में अधिकांश समय व्यतीत करती थी. इसके अतिरिक्त बलुआहा-पस्तवार अम्बेदकर चौक स्थित शिव मंदिर में स्थानीय ग्रामीण रंजीत भगत भी सीने पर कलश स्थापित कर व निर्जलाव्रत उपवास रख भक्तों का प्रेरणा स्त्रोत बना है. रंजीत पिछले सात वर्षों से इस उपासना में लगा है. जानकारी के अनुसार अगले दो वर्ष तक अनवरत अपनी उपासना से नवदुर्गा की पूजा को संपन्न करने को अडिग हैं. लगातार एक आसन पर धूप व प्यास की चिंता से कोसों दूर इन तपस्वियों के तपस्या से आमजन हतप्रभ हैं. सबों की जुबान पर भक्ति में शक्ति की चर्चा बनी हुई है. फोटो-दुर्गा 20- सीने पर कलश स्थापित कर बनी मिशाल.

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