इसे कहते हैं अमानतदारी

इसे कहते हैं अमानतदारीहुसैन कच्छीगीता आज वतन वापस आ गयी. यह मासूम लड़की किन हालात में कैसे पाकिस्तान पहुंच गयी थी, इस पर कई अटकलें हैं. चूंकि वह खुद कुछ बोल या सुन नहीं सकती, लेकिन एक बात जो मुझे ईदी सेंटर में बतायी गयी थी कि पाकिस्तान रेंजर्स ने इसको उन्हें सलमा के नाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2015 6:46 PM

इसे कहते हैं अमानतदारीहुसैन कच्छीगीता आज वतन वापस आ गयी. यह मासूम लड़की किन हालात में कैसे पाकिस्तान पहुंच गयी थी, इस पर कई अटकलें हैं. चूंकि वह खुद कुछ बोल या सुन नहीं सकती, लेकिन एक बात जो मुझे ईदी सेंटर में बतायी गयी थी कि पाकिस्तान रेंजर्स ने इसको उन्हें सलमा के नाम से हवाले किया था आैर कहा था कि यह हिन्दुस्तानी लड़की है. अब्दुल सत्तार ईदी ने अपनी बीवी बिकलीस से कहा कि मुझे इस लड़की के तौर-तरीके से अंदाजा होता है कि यह एक हिंदू लड़की है, तो फिर हम इसको सलमा क्यों पुकारें. दोनों मियां-बीवी ने लड़की को समझना शुरू किया और एक दिन तय हो गया तो फिर बिलकीस की सलाह पर मौलाना ईदी ने इसका नाम गीता रख दिया. ईदी साहब ने फिर तय किया गया कि गीता के मजहब के मुताबिक उसकी इबादत का बंदोबस्त भी होना चाहिए. लिहाजा उन्होंने अपने सेेंटर में जो खुद उन्हीं के घर में स्थापित है, उसके एक कमरे को गीता के लिए पूजा घर में तबदील कर दिया, जहां गीता रोजाना सुबह-शाम पूजा-अर्चना करती रही. जरा गौर कीजिए, इस जमाने में यह कितना मुश्किल काम है, मौलाना सत्तार ईदी नब्बे साल के हैं. दोनों किडनियां फेल हो चुकी है, डायलाइसिस पर चल रहे हैं. उन्हें धमकियां मिली कि आपने अपने घर में मंदिर बनवा दिया है महज एक हिन्दू लड़की के लिए…बाज आ जाइये… इस इंसानी दोस्ती और सच्चाई से वरना… ईदी साहब को कोई हिला न सका. मैं उनसे कराची में मिला, तब गीता भी हमारे दरम्यान बैठी थी, दोनों की निगाहाें में बाप-बेटी की शफकत देखी है मैंने. वे कह रहे थे- गीता तो अमानत है हिंदुस्तान की, अपने खानदान की और हम अमानत में खयानत नहीं करनेवाले. यह जब तक हमारे पास है हमलोग इसकी हिफाजत, परवरिश इसके संस्कारों के साथ करेंगे. यह हमारी बड़ी जिम्मेदारी है. ईदी साहब से बातें हो रही थी और मैं सोच रहा था, ‘इसे कहते हैं अमानतदार’. उनको मिलनेवाली धमकियाें पर गौर करता, फिर उनके नब्बे साल के शरीर को देखता. इस उम्र में ऐसी जवां मर्दी का अंदाजा लगाता कि इसके लिए कितनी चौड़ी, छाती कितने इंच का होना चाहिए. गीता हिंदुस्तान लौट चुकी है, अमानत वापस मिल चुकी है. आज सुबह उसके दिल्ली उतरते ही बयानों की झड़ी लग गयी है. सियासत अपने काम में मशरूफ है. मौलाना ईदी कराची में हैं, उन्हें यकीनन यहां की खबर मिल रही होगी. उन पर जो बीत रही होगी यह फिक्र कौन करे.

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