दीपावली की तैयारी जोरों पर

दीपावली की तैयारी जोरों पर नवहट्टा. प्रखंड क्षेत्र में दीपावली की तैयारी को ले लोग अपने घर के चारों ओर साफ -सफाई में जुट गये हैं. वहीं धनतेरस के आगमन को लेकर स्थानीय बाजार की दुकानों को दुकानदार सजाने लगे हैं. बाजार में लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा सज गयी है. वहीं कुम्हारों के यहां से लोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 7:00 PM

दीपावली की तैयारी जोरों पर नवहट्टा. प्रखंड क्षेत्र में दीपावली की तैयारी को ले लोग अपने घर के चारों ओर साफ -सफाई में जुट गये हैं. वहीं धनतेरस के आगमन को लेकर स्थानीय बाजार की दुकानों को दुकानदार सजाने लगे हैं. बाजार में लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा सज गयी है. वहीं कुम्हारों के यहां से लोग मिट्टी की डिबिया व दीप की खरीदारी कर रहे हैं. हालांकि फैशन के इस दौर में लोग बिजली के तरह-तरह के बल्ब की खरीदारी कर रहे हैं. दीपावली को लेकर बाजार में चाइनिज लाइट की डिमांड बढ़ गयी है. मतगणना की जानकारी लेते रहे कार्यकर्ता नवहट्टा. महिषी विधानसभा क्षेत्र के मतगणना शुरू होते ही विभिन्न राजनीतिक दल के नेता व कार्यकर्ता सहित मतदाता एक-दूसरे उम्मीदवार की बढ़त की जानकारी एक-दूसरे से लेते रहे. सहरसा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय के पूरब सुपर बाजार व दक्षिणी गेट न्यू कॉलोनी गेट के पास प्रत्याशी समर्थक की भीड़ सुबह से लगी रही. लोग एक -दूसरे से अपने-अपने प्रत्याशी के बढ़त की जानकारी लेते रहे. कभी विधायक अब्दुल गफूर की बढ़त तो कभी वीडियो गौतम कृष्ण की बढ़त आखिरकार महागठबंधन के प्रत्याशी प्रो अब्दुल गफूर भारी बहुमत से चुनाव जीत गये. चुनाव नतीजे से ग्रामीण क्षेत्रों में भी हलचल कहरा. रविवार को बिहार विधानसभा चुनाव-2015 चुनाव परिणाम के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी उनके समर्थकों द्वारा अपने पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में नारे लगाये, मिठाई बांटी, पटाखे छोड़े व रंग-अबीर लगा खुशियां मनाई. रविवार सुबह से ही पार्टी समर्थक सहित आमलोग भी चुनाव परिणाम देखने अपने-अपने टीवी से चिपके रहे. जिन घरों में टीवी नहीं था, वे अपने पड़ोसी के टीवी पर बैठे रहे. कई समर्थक तो बिजली कटने पर बैटरी की व्यवस्था किये हुए थे. जिससे परिणाम देखने में परेशानी नहीं हो. वहीं पराजित पार्टी व उम्मीदवार के समर्थकों में निराशा छायी गयी थी. अपने लोगों के साथ परिणाम के कारणों पर समीक्षा करते नजर आये. कई पराजित समर्थकों ने परिणाम पूर्व अंतिम रुझान के बाद से ही अपने-अपने गांव को लौटने लगे एवं अपने पार्टी व प्रत्याशी की चूक पर समीक्षा करते नजर आये.

Next Article

Exit mobile version