लैलख ममलखा स्टेशन पर ब्रह्मपुत्र मेल बेपटरी

लैलख ममलखा स्टेशन पर ब्रह्मपुत्र मेल बेपटरीट्रेन ने भैंसा को मारी ठोकर, मौतबाल-बाल बचे सैकड़ों यात्रीसाहेबगंज-किऊल रेलखंड पर की घटनाघंटों बाधित रहा ट्रेनों का परिचालनसंवाददाता, भागलपुरसाहेबगंज-किऊल रेलखंड के लैलख ममलखा स्टेशन पर दिल्ली जा रही 14055 अप ब्रह्मपुत्र मेल (तिनसुकिया एक्सप्रेस) बेपटरी हो गयी. सोमवार सुबह करीब 8.21 बजे ट्रेन के इंजन से भैंसा टकरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2015 8:30 PM

लैलख ममलखा स्टेशन पर ब्रह्मपुत्र मेल बेपटरीट्रेन ने भैंसा को मारी ठोकर, मौतबाल-बाल बचे सैकड़ों यात्रीसाहेबगंज-किऊल रेलखंड पर की घटनाघंटों बाधित रहा ट्रेनों का परिचालनसंवाददाता, भागलपुरसाहेबगंज-किऊल रेलखंड के लैलख ममलखा स्टेशन पर दिल्ली जा रही 14055 अप ब्रह्मपुत्र मेल (तिनसुकिया एक्सप्रेस) बेपटरी हो गयी. सोमवार सुबह करीब 8.21 बजे ट्रेन के इंजन से भैंसा टकरा गया, जिससे यह ट्रेन बेपटरी हो गयी. भैंसा की मौके पर ही मौत हो गयी. हालांकि हादसे में ट्रेन में यात्रा कर रहे सैकड़ों यात्री बाल-बाल बच गये. ट्रेन के एसएलआर व नि:शक्त कोच का चार चक्का पटरी से उतर गया था. एसएलआर कोच को काट कर हटाया गयासूचना मिलने पर रेलवे के अधिकारियाें और कर्मचारियों की पूरी टीम लैलख ममलखा स्टेशन पर पहुंची. ट्रेन को पुन: पटरी पर लाने की कोशिश के बजाय एसएलआर कोच को काट कर हटा दिया गया. इसके बाद अतिरिक्त इंजन मंगा कर पुन: ट्रेन को पीछे कर डाउन ट्रैक पर लाया गया. तब अप तिनसुकिया एक्सप्रेस को रवाना किया गया. ट्रेन को रवाना होने में तकरीबन तीन घंटे का समय लगा. इसके बाद भी अप ट्रैक क्लियर नहीं हो सका. डाउन ट्रैक से हुआ ट्रेनों का परिचालनअधिकारियों की टीम ने घटना स्थल पर गैंगमैन की टीम बुलायी और ट्रैक मरम्मत का कार्य शुरू कराया. ट्रैक को कम से कम परिचालन के लायक थोड़ा-बहुत भी तैयार करने में गैंगमैन को दिन भर का समय लगा. इस बीच रिकवरी वैन से एसएलआर कोच को अप ट्रैक से हटाया गया. इस दौरान ट्रेनों का परिचालन डाउन ट्रैक से होता रहा. इस ट्रेन दुर्घटना की वजह से कुछ घंटों के लिए इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा. 250 मीटर तक घिसटती रही ट्रेन लैलख ममलखा स्टेशन से तकरीबन चार सौ मीटर पूरब टर्निंग प्वाइंट है. ट्रेन की रफ्तार 60 किमी प्रति घंटे से ज्यादा थी. टर्निंग प्वाइंट से जैसे ट्रेन आगे बढ़ी, वैसे ड्राइवर को ट्रैक पर भैंसा नजर आया. ट्रेन की रफ्तार ज्यादा रहने से ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाना उचित नहीं समझा. ड्राइवर ने लगातार हॉर्न बजाया. इसके बाद भी ट्रैक पर से भैंसा नहीं हटा और इंजन जाकर सीधे भैंसा से जा टकराया. भैसा ट्रैक के किनारे फेंका गया और उसकी मौत मौके पर ही हो गयी. भैंसा से टकराने के कारण इंजन के ठीक पीछे एसएलआर कोच का चार चक्का बेपटरी हो गया. लगभग 250 मीटर तक ट्रेन घिसटती रही. इससे करीब 150 स्लीपर टूट गया. बेपटरी होने से ट्रेन की रफ्तार में कमी आयी और लैलख ममलखा स्टेशन पर जा कर ट्रेन रुक गयी. इस दौरान तेज आवाज और उड़ते धूल से ट्रेन में सवार यात्री बदहवास होकर अपनी जान बचाने के लिए ट्रेन से कूद पड़े. टर्निंग प्वांइट से ट्रेन जैसे आगे बढ़ी, भैंसा नजर आया. इमरजेंसी ब्रेक लगाना उचित नहीं था. अगर इमरजेंसी ब्रेक लगाया जाता, तो सभी कोच पलट जाता. हॉर्न बजाने के बाद भी ट्रैक पर से भैंसा नहीं हटा और इंजन जाकर उससे टकरा गया. इसके बाद एसएलआर कोच का चार चक्का बेपटरी हो गया. आरएन ओझा, ड्राइवर टाइम लाइनस्थान : लैलख ममलखा स्टेशन सुबह 8.21 बजे : बेपटरी हुई अप तिनसुकिया एक्सप्रेस सुबह 10.15 बजे : इंजन से अलग किया गया एसएलआर सह विकलांग कोच सुबह 10.33 बजे : दूसरी इंजन लेकर पीछे गयी गाड़ी को सुबह 10.40 बजे : ट्रैक मरम्मत का काम शुरू सुबह 11.07 बजे : पीछे गयी ट्रेन पुन: वापस स्टेशन पर आयी सुबह 11.20 बजे : अप तिनसुकिया आगे रवाना हुई.

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