उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व छठ संपन्न घाटों पर बनी रही रौनक, झिलमिलाती रही दीपों की रोशनीघाटों पर लगा रहा मेला, सुरक्षा की थी चाक -चौबंद व्यवस्था, शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के पोखरों पर जुटी श्रद्धालुओं की भीड़
सहरसा : मुख्यालय शुक्रवार की सुबह जिले के विभिन्न घाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ संपन्न हो गया. इससे पूर्व गुरुवार की शाम लोगों ने छठ घाटों पर पहुंच अस्ताचलगामी सूर्य को नमन किया.
तालाबों में पर्याप्त मात्रा में साफ पानी होने एवं घाटों के ईद-गिर्द सफाई होने से छठव्रती सहित श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हुई. एहतियात के तौर पर सभी घाटों पर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस बलों की विशेष चौकसी व गोताखोरों के साथ नाव की भी व्यवस्था थी, जो लगातार घाटों में चारों ओर चक्कर लगाती रही.
संध्याकालीन अर्घ्य की सुबह भी डीएम बिनोद कुमार गुंजियाल ने अंतिम रूप से सभी घाटों का जायजा लिया और प्रतिनियुक्त अधिकारियों को व्रती परिवारों को कोई परेशानी नहीं होने देने का निर्देश दिया. इधर सुरक्षा की दृष्टि से मेटल डिटेक्टर से सभी घाटों की जांच की गयी.
इस बार अपेक्षाकृत पटाखों की आवाज काफी कम सुनायी पड़ी. लिहाजा आतिशबाजी के कारण घाटों पर होने वाले हादसों पर भी पूरी तरह विराम लगा रहा. हालांकि सभी घाटों पर चाय, कॉफी, पान, बैलून, घिरनी सहित बच्चों के खिलौने की दुकानें सजी थी, जहां वे लगातार मेले का मजा लेते रहे. कई घाटों पर व्यक्ति विशेष की ओर से श्रद्धालुओं को मुफ्त अगरबत्ती, गोयठा व अर्घ्य के लिए गाय का कच्चा दूध भी उपलब्ध कराया गया.
घाटों पर सजी रही रौनकगुरुवार की सुबह ही श्रद्धालु अपने-अपने घाटों की सफाई के लिए घाट पहुंच गये थे. लगभग 12 बजते-बजते सभी घाट सज-धज कर तैयार हो गये थे. अपराह्न चार बजे से व्रती परिवार के लोग डाला-दउड़ा के साथ घाट की ओर आने लगे और देखते ही देखते पूरा घाट फल व पकवानों से भरे सूप सहित दउड़ों से सज गया. सभी सूपों पर मिट्टी के दीप व अगरबत्ती जलते रहे. व्रती महिलाएं गीत गाती घाटों पर पहुंची.
तालाब के जल में स्नान कर सूर्य देव की आराधना की और सभी सूप दउड़े को हाथों में उठा डूबते सूर्य के समक्ष अर्घ्य दी. अर्घ्य समर्पण के बाद व्रती परिवार के लोग डाला दउड़ा ले अपने-अपने घरों की ओर चल दिए.तीन बजे से फिर जगमग हुआ घाटएक बार फिर शुक्रवार को अहले करीब तीन बजे रात से ही घाटों पर लोगों का आना शुरू हो गया.
साढ़े चार से पांच बजे सुबह तक सभी वहां पहुंच गये और एक बार फिर पूरा घाट दीपों की रोशनी में जगमगा गया. थोड़ी बहुत ठंड होने के कारण अधिकतर लोग स्वेटर, कोट या फिर चादर से ठंड भगाने का प्रयास करते दिखे. पांच बजे सुबह के करीब ही व्रती महिलाएं एक बार फिर तालाब में उतर स्नान करने के साथ पूर्वाभिमुख हो सूर्य की आराधना में तल्लीन हो गयी. छह बजकर 25 मिनट पर आसमान में सूर्य की लालिमा दिखते सर्वप्रथम लोगों ने उन्हें नमन किया.
इधर व्रती महिलाओं ने भी सूर्यदेव के दर्शन के बाद बारी-बारी से सूप व दउड़े के साथ तालाब के जल का आचमन करते अर्घ्य देना प्रारंभ किया. सभी श्रद्धालुओं ने अंतरात्मा से भगवान भास्कर को प्रणाम कर दूध व गंगाजल से अर्घ्य समर्पित कर अपनी इष्ट मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना की. अर्घ्य संपन्न होने के साथ ही व्रती सहित श्रद्धालु लोग अपने-अपने घरों की ओर लौट आये.कैमरे में कैद होती रही तसवीरश्रद्धा, आस्था व समर्पण का प्रतीक पर्व छठ उमंग व उल्लास के साथ संपन्न हुआ. छोटे-छोटे बच्चों से लेकर युवा, युवती एवं बड़े-बुजुर्ग आकर्षक व पारंपरिक परिधान में सज धज कर घाट पहुंचे थे.
बड़ों के अलावे बच्चों में उत्साह इतना था कि वे गोद में या किसी वाहन से नहीं, बल्कि पांव-पैदल ही लंबी दूरी तय कर रहे थे. घाट पर तसवीर लेने का भी प्रचलन बढ़ता दिखा. कोई डिजिटल कैमरे से तो कोई टेबलेट से. कोई मोबाइल में तो कोई मूवी कैमरे में अपने घाट की तसवीरों को कैद कर समय को यादगार बनाने में जुटे रहे. स्मार्ट फोन थामे ज्यादातर युवाओं में सेल्फी के प्रति जर्बदस्त क्रेज देखा गया. चाट पकौड़े का लिया मजासंध्याकालीन अर्घ्य के बाद गुरुवार की शाम डीबी रोड में देर रात तक लोगों की भीड़ बनी रही. जहां लोगों ने समोसे, चाट, गुपचुप सहित अन्य चटखारे व्यंजन का लुत्फ लिया.
सबसे अधिक भीड़ गुपचुप के काउंटर पर लगी रही. जहां लोगों को अपनी बारी के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा. खाने के अलावे लोग अपने घर के लोगों के लिए पार्सल पैकिंग भी कराने में लगे हुए थे. वहीं शुक्रवार को उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के बाद लौटते समय भी घाटों से ही ऐसे खाद्य सामग्रियों की बिक्री परवान पर रही.
वीडियो कॉलिंग से देखा नजारा अमूमन सभी घाटों पर डिजीटल वर्ल्ड का खूब प्रभाव दिखा. विदेश अथवा देश के विभिन्न हिस्से रह रहे ऐसे लोग जो इस महापर्व में घर नहीं आ सके. वे वीडियो कॉलिंग के सहारे घाट का नजारा लेते दिखे. वीडियो कॉलिंग पर ही उनलोगों ने व्रती को प्रणाम किया और महापर्व में शामिल नहीं होने का खेद जताया.
दिल्ली में रह रहे प्रतीक व दीक्षांत ने वीडियो पर बताया कि हर साल वे भी सिर पर दउड़ा रख घाट जाते थे. इस बार छुट्टी नहीं मिल पाने के कारण वे पर्व में शामिल नहीं हो सके. लेकिन उनका मन छठ घाट पर ही है.
ऐसे में वीडियो कॉल से आधी संतुष्टि मिल पायी. – मत्स्य विभाग के मुख्य पोखर पर भगवान भास्कर की भक्ति में लीन व्रती महिलाएं सुबह के समय घाटों पर आतिशबाजी से रंगीन हुआ नजारा घाट पर लगे सूप में दीप जलाती लड़की सेल्फी का रहा क्रेज, अपने परिजन संग सेल्फी लेता एक युवा – कलश में दीप जलाती महिला – सिमरी बख्तियापुर स्थित बाजार पोखर पर तस्वीर खिंचवाती लड़कियां – सूप में रखा जल रहा दीप – दंड प्रणाम कर घाट की ओर जाती व्रती महिलाएं –
महिलाएं भी नहीं रही पीछे, सर पर डाला रख ले गयी घाट – ढ़ोल व बाजे के साथ कई लोग पहुंचे घाट पर – कायस्थ टोला स्थित पोखर पर अर्घ्य देते सिमरी बख्तियारपुर के विधायक दिनेश चंद्र यादव – पंचवटी चौक स्थित पोखर पर पानी में खड़ी व्रती महिला- पोखर में उतर सूर्य भगवान को नमन करती नप की उपाध्यक्ष – मेटल डिटेक्टर से घाटों की हुई जांच –
संध्याकालीन अर्घ्य के दिन डीएम विनोद सिंह गुंजियाल ने लिया सभी घाटों का जायजा – मत्स्य विभाग के पोखर में सूर्योदय के बाद प्रणाम करती व्रती महिला – अर्घ्य देते श्रद्धालु – सुबह के समय दीपों से सजे घाट की छटा – पानी में खड़ी व्रती महिलाएं – व्रतियों को सिंदुर लगाती श्रद्धालु महिला – घाटों के समीप खूब बिके गुब्बारे व खिलौने- सिमरी बख्तियारपुर के घाट पर तैनात जवान- सिमरी बख्तियारपुर के घाट पर अर्घ्य देते मुस्लिम समुदाय के युवा –
सिमरी बख्तियारपुर के घाट पर श्रद्धालुओं को दी जा रही पूजन सामग्री – कोसी नदी में छठ के दौरान तैनात रही एसडीआरएफ की टीम- रौशनी से जगमग कर रहा छठ घाट- युवाओं में भी छठ को लेकर रहा उत्साह, सर पर डाला रख कर घाट पर जाते युवा