बार-बार हो रहा सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास

बार-बार हो रहा सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास सहरसा सदर. सहरसा जिले का सामाजिक सौहार्द व यहां की संस्कृति में कभी भी दूसरे संप्रदाय के प्रति लोगों में वैमनस्यता नजर नहीं आयी. वर्षों से यहां के लोग एक दूसरे के पर्व त्योहार में शरीक होकर खुशियां मनाते रहे हैं. यहां की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2015 6:58 PM

बार-बार हो रहा सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास सहरसा सदर. सहरसा जिले का सामाजिक सौहार्द व यहां की संस्कृति में कभी भी दूसरे संप्रदाय के प्रति लोगों में वैमनस्यता नजर नहीं आयी. वर्षों से यहां के लोग एक दूसरे के पर्व त्योहार में शरीक होकर खुशियां मनाते रहे हैं. यहां की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल हमेशा से ही सुर्खियों में रही है. कभी-कभार असामाजिक तत्वों ने सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास भी किया, तो यहां के लोगों ने मजबूती से इसका विरोध किया. भाईचारा बनाये रखा. यहां के सामाजिक सौहार्द पर लोगों में गर्व महसूस होता है. मंगलवार की रात सिमराहा स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नापाक कोशिश की गयी. लेकिन यहां के अमनपसंद लोगों ने फिर से समझदारी का परिचय दिया. कुछ वर्ष पूर्व तिरंगा चौक स्थित शिव मंदिर की घटना के बाद इसी साल हटियागाछी स्थित महावीर मंदिर की घटना हुई. पुन: महर्षि मेंहीं आश्रम की घटना से सहरसा के लोगों को चिंता बढ़ गयी है. आखिर कौन लोग हैं जिसे सहरसा के लोगों का अमनचैन व भाईचारे का माहौल पसंद नहीं आ रहा है. यहां के अमनचैन पसंद लोग व जिला प्रशासन की सजगता के कारण ही इस तरह की घटना के बावजूद शहर के बिगड़ते माहौल को हर बार नियंत्रित करने में सफलता मिली है. फोटो-आश्रम 14 व 15- आश्रम के पास जुटी लोगों की भीड़ व आक्रोशितों को समझाते एसडीओ व थानाध्यक्ष

Next Article

Exit mobile version