नहीं हुआ विषहरिया पुल का नर्मिाण, ग्रामीणों में आक्रोश
नहीं हुआ विषहरिया पुल का निर्माण, ग्रामीणों में आक्रोश जहरीले पानी को पैदल पार करते हैं ग्रामीणखेती के लिए भी किसान नहीं जा पाते अपनी खेतों पर प्रतिनिधि, नवहट्टा प्रखंड के खड़का तेलवा में विषहरिया पुल का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है. जिससे स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. ज्ञात हो […]
नहीं हुआ विषहरिया पुल का निर्माण, ग्रामीणों में आक्रोश जहरीले पानी को पैदल पार करते हैं ग्रामीणखेती के लिए भी किसान नहीं जा पाते अपनी खेतों पर प्रतिनिधि, नवहट्टा प्रखंड के खड़का तेलवा में विषहरिया पुल का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है. जिससे स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. ज्ञात हो कि तीन वर्ष पूर्व रामनगर भरना व खड़का तेलवा को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत सड़क का कालीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया. लेकिन विषहरिया पुल में पानी के बहाव वाले दो सौ मीटर को इस सड़क कार्य से अलग रखकर दो स्पेन पुल का निर्माण शुरू किया गया. जिसे अधूरा ही छोड़ दिया गया. पुन: इस अर्द्धनिर्मित पुल के पश्चिम दो स्पेन के पुल का निर्माण किया गया. लेकिन दोनों ओर पुल को अपने हाल पर छोड़ दिया गया. किसान धर्मेन्द्र कुमार सिंह बताते हैं कि हमलोगों का खेती लायक जमीन विषहरिया पुल के पूरब है. यदि पुल का निर्माण हो जाता है तो खड़का तेलवा के किसान की जिंदगी ही बदल जायेगी. खड़का तेलवा के हीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता का कहना है कि इस पुल के दोनों ओर प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया. यदि पुल का निर्माण हो जाता है तो जिला मुख्यालय की दूरी महज 16 किलोमीटर हो जायेगी जो वर्तमान में 25 किलोमीटर है. पहले था लकड़ी का पुल वर्ष 1984 से पहले ग्रामीणों के श्रमदान व आर्थिक सहयोग से विषहरिया पुल पर लकड़ी के पुल का निर्माण ग्रामीणों ने अपने अर्थदान व श्रमदान से कराया था तब लोगों को खेती करने में सहुलियत होती थी. आज पुल नहीं रहने से एक छोटी नाव के सहारे ही लोग अपने खेत खलिहान सहित रामनगर भरना जाना लोगों की मजबूरी बनी हुई है. फोटो-पुल 5- अधूरा बना छोड़ दिया है महत्वपूर्ण पुल को