200 सफाई कर्मी, फिर भी नालों की दशा ठीक नहीं

सहरसा : मुख्यालयनगर परिषद में लगभग दो सौ सफाईकर्मिर्यों के होने के बावजूद शहर के नालों की दशा बदतर है. नप के सभापति, उपसभापति या परिषद में अपना प्रभाव रखने वाले पार्षद हों या फिर नप के कार्यपालक पदाधिकारी. किसी के वार्ड का नाला साफ नहीं है. सब महीनों से जाम पड़े हैं. पानी आगे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2015 6:40 PM

सहरसा : मुख्यालयनगर परिषद में लगभग दो सौ सफाईकर्मिर्यों के होने के बावजूद शहर के नालों की दशा बदतर है. नप के सभापति, उपसभापति या परिषद में अपना प्रभाव रखने वाले पार्षद हों या फिर नप के कार्यपालक पदाधिकारी. किसी के वार्ड का नाला साफ नहीं है. सब महीनों से जाम पड़े हैं.

पानी आगे नहीं बढ़ता है. वह सड़कों पर ही फैलता रहता है. दुर्गंध फैलता है. आने-जाने वाले राहगीरों को परेशानी होती है. लेकिन उन्हें देखने या साफ कराने की दिलचस्पी किसी में नहीं है. हां, उस मुहल्ले के लिए प्रतिनियुक्त सफाईकर्मी पार्षद के आवासीय परिसर और उनके नालों की सफाई निश्चित रूप से करते हैं. क्योंकि उसकी हाजिरी वहीं से बनती है.

वार्ड नंबर नौ : नरक बना डालाशहरी क्षेत्र का वार्ड नंबर नौ नरक बना हुआ है. जबकि इस वार्ड को अन्य किसी भी मुहल्ले से अधिक व्यवस्थित व सुविधायुक्त होना चाहिए.

क्योंकि इसी मुहल्ले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी का क्वार्टर है. लेकिन इनके यहां होने का वार्डवासियों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है. इनके क्वार्टर के ठीक पीछे सटे दक्षिण से मुहल्ले का मुख्य नाला गुजरता है. यह नाला कमिश्नरी के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के क्वार्टर से शुरू होकर आगे बड़े गड्ढे में जाकर गिरता है.

लेकिन शुरुआत से ही नाले की दशा दयनीय है. गाद से भरे होने के कारण नाले का पानी बगल से गुजर रही सड़कों पर ही फैलता रहता है. गंदे व बदबूदार पानी होने के कारण लोगों ने इस सड़क का उपयोग तक छोड़ दिया है. सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों के क्वार्टरों से निकलने वाला गंदे पानी को नाला आगे बढ़ा नहीं सकता है. जिस कारण बहाव का अगला मुहाना सूखा पड़ा है.

वार्ड नंबर नौ में सरकारी क्वार्टर के नाले से बहता पानीफोटो- नाला 3- सौ कदम आगे सूखा पड़ा है यही नाला बहाव नहीं होने से सूखा पड़ा है आगे का हिस्सावार्ड नंबर

जनप्रतिनिधि को मतलब नहींव्यवसायिक मंडी व व्यवसायियों की बस्ती के रूप में जाना जाने वाले वार्ड नंबर 20 के मारूफगंज मुहल्ले की स्थिति तो बद से भी बदतर है.

मारूफगंज प्रवेश के मुहाने से ही दोनों ओर का नाला कचरों से अंटा पड़ा है. थोड़ा आगे बढ़ने पर दोनों ही नाले का अस्तित्व तो नजर आता है. लेकिन पानी को आगे बहा ले जाने में असमर्थ ही दिखता है. पुरानी जेल चौक के पास स्थिति और भी भयावह हो गयी है. जहां नाला कचरों के लिए बनाया लगता है.

सफाई व मुहल्ले के लिए जनप्रतिनिधि का काम ऐसा दिखता है कि डॉ आरके सिंह के क्लिनिक के ठीक बगल में सड़क के बीचोबीच नाले का ढक्कन छह महीने से टूटा पड़ा है. ढक्कन को वहीं उसी हाल में छाड़ दिया गया है.

जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी तो होती ही है. पानी का प्रवाह भी नहीं हो पाता है. फोटो- नाला 4-मारूफगंज में जाम नाले से उफनाता पानी फोटो- नाला 5- पुरानी जेल चौक पर टूटा ढ़क्कन, जाम नाला

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