बढ़ रही है ठंड : सिर पर छत नहीं तो छप्पर ही सही

बढ़ रही है ठंड : सिर पर छत नहीं तो छप्पर ही सहीशहरीकरण बढ़ रहा है. फूस व खपरैल के घरों पर ईंट के मकान को तवज्जो मिल रही है. लेकिन गरमी में अब भी खपरैल व फूस के घर ही याद आते हैं. कोसी में इसकी अधिकता भी है. लेकिन गरीबों के लिए घर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2015 6:40 PM

बढ़ रही है ठंड : सिर पर छत नहीं तो छप्पर ही सहीशहरीकरण बढ़ रहा है. फूस व खपरैल के घरों पर ईंट के मकान को तवज्जो मिल रही है. लेकिन गरमी में अब भी खपरैल व फूस के घर ही याद आते हैं. कोसी में इसकी अधिकता भी है. लेकिन गरीबों के लिए घर होना ही बड़ी बात है. सहरसा जिले के बलवाहाट ओपी के सोनपुरा गोंठ टोला निवासी रबीन शर्मा अपने खपरैल घर की मरम्मत करा रहे हैं. संभावित ठंड से बचने के लिए बहुत जरूरी है. फोटो । अजय कुमार

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