प्लेटफार्म टिकट: कीमत दस रुपये, इज्जत बेशुमार है
प्लेटफार्म टिकट: कीमत दस रुपये, इज्जत बेशुमार है दर्द-ए-रेलवेऔसतन महज 25 लोग ही रोजाना लेते हैं प्लेटफार्म टिकटहजार की तादाद में विदा करने पहुंचते हैं संबंधीरेलवे को लग रहा प्रतिवर्ष करोड़ों का चूना कुमार आशीष, सहरसा नगररोजाना सहरसा जंक्शन से खुलने वाली एक्सप्रेस, सुपरफास्ट व सवारी गाडि़यों के विभिन्न दर्जे में टिकट लेकर सफर करने […]
प्लेटफार्म टिकट: कीमत दस रुपये, इज्जत बेशुमार है दर्द-ए-रेलवेऔसतन महज 25 लोग ही रोजाना लेते हैं प्लेटफार्म टिकटहजार की तादाद में विदा करने पहुंचते हैं संबंधीरेलवे को लग रहा प्रतिवर्ष करोड़ों का चूना कुमार आशीष, सहरसा नगररोजाना सहरसा जंक्शन से खुलने वाली एक्सप्रेस, सुपरफास्ट व सवारी गाडि़यों के विभिन्न दर्जे में टिकट लेकर सफर करने वाले यात्री रेलवे को किये गये भुगतान से राष्ट्र निर्माण में सहयोग कर रहे हैं. वहीं यात्रियों को ट्रेन के डिब्बे तक विदा करने के लिए आने वाले हजारों लोग अपना दस रुपया बचा भारतीय रेल को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार रोजाना कमोबेश बीस से पच्चीस लोग ही ऐसे होते हैं, जो प्लेटफार्म टिकट लेने के बाद ही रेल परिक्षेत्र में प्रवेश करते हैं. स्वर्ण नगरी के लिए खुलती है ट्रेनसहरसा जंक्शन से स्वर्ण नगरी अमृतसर, अंबाला, लुधियाना, जालंधर, दिल्ली, लखनऊ, गोरखपुर, मालदा, सियालदह सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए गरीब रथ, जनसेवा, जनसाधारण, हाटे बाजार, पुरबिया, राज्यरानी, कोसी, जानकी व इंटरसीटी एक्सप्रेस का परिचालन होता है. इनमें सफर करने वाले यात्रियों को विदा करने बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पहुंचते हैं. एक को विदा करने आते हैं पांच गंगजला निवासी राम सिंह रविवार को अपनी पत्नी व तीन बेटों के साथ बेटी-दामाद को कोलकाता विदा करने स्टेशन आये थे. पूछने पर बताते हैं कि बेटी को स्टेशन तक विदा करने पर तसल्ली होती है, लेकिन प्लेटफार्म टिकट के सवाल पर वे झेंप गये. कुछ इसी प्रकार की कहानी रोजाना स्टेशन से विदा लेने वाले व बाहर से पहुंचने वाले यात्रियों के परिजनों की भी है. दस रुपया का दें योगदानदेश के अन्य महानगरों में प्लेटफार्म टिकट के लिए स्टेशन पर लंबी लाइन आम बात है. हालांकि इन स्टेशनों पर रेलवे द्वारा लगाये गये वेंडिग मशीन भी प्लेटफार्म टिकट मुहैया करा रहे हैं. लेकिन सहरसा जंक्शन जैसे स्टेशनों पर लोग दस रुपया का प्लेटफार्म टिकट न लेकर रेलवे को रोजाना क्षति पहुंचा रहे हैं, जबकि जनता के इन्हीं पैसों का रेलवे यात्री सुविधा बढ़ाने में उपयोग करती है. औसतन 25 लोग ही लेते हैं टिकटरेलवे के वाणिज्यक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे काउंटर से रोजाना औसतन 25 लोग ही प्लेटफार्म टिकट खरीदते हैं. रेलवे द्वारा अभियान चलाये जाने पर इनकी संख्या बढ़ती है. जबकि स्टेशन पर इसकी संख्या हजार को भी पार कर सकती है. चेकिंग के दौरान पकड़े जाने पर जुर्माना की रकम वसूल की जाती है. डिस्प्ले व उद्घोषणा की जरूरतसहरसा जंक्शन पर पहुंचने वाले यात्रियों को प्लेटफार्म टिकट लेने के लिए जागरूक बनाने की आवश्यकता है. इसके लिए रेलवे को ट्रेन परिचालन की उद्घोषणा क्रम में प्लेटफार्म टिकट लेने व नहीं लेने पर होने वाली कार्रवाई से अवगत कराना चाहिए. इसके अलावा वेडिंग मशीन व काउंटर पर डिस्प्ले बोर्ड लगाने से भी लोग जागरूक होंगे. फोटो- स्टेशन 16 – सहरसा जंक्शन का मुख्य प्रवेश द्वार