आइए नरक के दर्शन कीजिए
नीरज गुप्ता गली में भी उफना रहा है नाला घर के नाले में वापस जा रहा है मेन नाले का गंदा पानी घर से निकलना दूभर, व्यवसाय भी हो रहा चौपट सहरसा मुख्यालय : बेड़ा गर्क हो इस नगर परिषद का, जो सिर्फ विभिन्न तरह के टैक्स ही वसूलना और योजना बनाना जानती है. नागरिक […]
नीरज गुप्ता गली में भी उफना रहा है नाला
घर के नाले में वापस जा रहा है मेन नाले का गंदा पानी
घर से निकलना दूभर, व्यवसाय भी हो रहा चौपट
सहरसा मुख्यालय : बेड़ा गर्क हो इस नगर परिषद का, जो सिर्फ विभिन्न तरह के टैक्स ही वसूलना और योजना बनाना जानती है. नागरिक सुविधा देने के नाम पर इसे सांप सूंघ जाता है या गंभीर बीमारी हो जाती है. गांधी पथ के लोग नप की व्यवस्था पर ऐसा ही बोलते हैं. नालों की सफाई के मामले में तो यह मुहल्ला शुरू से ही सबसे पीछे रहा है. पूरे गांधी पथ का नाला गंदे, काले व जमे पानी से उफना रहा है. कहीं भी पानी को आगे बढ़ने का रास्ता नहीं मिल रहा है.
लिहाजा ओवरफ्लो होकर इधर-उधर फैलने के प्रयास में नजर आते हैं. नालों की दशा से लोगों को उनके घरों में प्रवेश तक करने में मुसीबत हाेती है. सड़क के किनारे स्थित दुकानों के व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इस रास्ते में दर्जनों ऐसे बिंदु हैं, जहां घर से पानी निकासी के लिए नाले तो बनाये गये हैं. लेकिन वहां निकासी की बजाय मेन नाले का पानी वापस घरों में जा रहा है.