सड़क नहीं, गड्ढों में तय होता है स्टेशन का सफर
वर्षों से जर्जर सड़कों की नहीं हुई है मरम्मत रेलवे व राज्य सरकार नहीं ले रही संज्ञान जीएम के संभावित आगमन से यात्रियों में निर्माण की बनी है उम्मीद सहरसा नगर : प्रमंडलीय मुख्यालय के सहरसा जंकशन पर रोजाना हजारों यात्रियों का आवागमन होता है. लेकिन उन्हें रोज सड़कों की बजाय गड्डों से गुजरने की […]
वर्षों से जर्जर सड़कों की नहीं हुई है मरम्मत
रेलवे व राज्य सरकार नहीं ले रही संज्ञान
जीएम के संभावित आगमन से यात्रियों में निर्माण की बनी है उम्मीद
सहरसा नगर : प्रमंडलीय मुख्यालय के सहरसा जंकशन पर रोजाना हजारों यात्रियों का आवागमन होता है. लेकिन उन्हें रोज सड़कों की बजाय गड्डों से गुजरने की मजबूरी बनी हुई है. जर्जर सड़क की वजह से रिक्शा चालक भी यात्रियों से मनमाना वसूली करते हैं. जबकि बीमार यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं रह गयी है.
स्टेशन तक पहुंचने वाली पूरब व पश्चिम दिशा से चलने वाली सड़क सरकार की उदासीनता को बयां कर रही है. यात्री कठिनाई से स्टेशन तक पहुंचने की जहमत उठा रहे हैं.
कब बनेगी स्टेशन रोड की सड़क : मेडिसिन कॉर्नर से चांदनी चौक तक जाने वाली स्टेशन रोड की सड़क सुविधा से ज्यादा दर्द देने का काम कर रही है. लोग बताते हैं कि रोजाना सुबह से लेकर शाम तक सड़क पर दुर्घटना होती रहती है. सड़क की जर्जरता इस प्रकार देखने को मिल रही है कि राहगीरों का पैदल चलना भी मुश्किल है. इसके अलावा रिक्शा चालक भी इस सड़क से गुजरने में डबल चार्ज करने से नहीं चूकते हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि जिला प्रशासन स्टेशन रोड की सड़क बनाने के बजाय सुस्त पड़ी हुई है.
रेलवे करेगी पूर्वी सड़क का निर्माण : बंगाली बाजार ढाला से स्टेशन की तरफ जाने वाली रेलवे का पूर्वी प्रवेश सड़क पर पत्थर व गड्डे से लोगों का सामना होता है. लोग बताते हैं कि वर्षों से रेलवे के अधिकारियों द्वारा सड़क की सुधि नहीं ली गयी है. जबकि कुछ दिनों में सहरसा जंक्शन पर रेलवे जीएम का दौरा प्रस्तावित है. ऐसे में स्थानीय लोगों की उम्मीद बढ़ गयी है कि रेलवे शीघ्र सड़क का निर्माण करा यात्रियों को सुविधा देने का काम करेगी.
… और भी है परेशानी : स्टेशन की तरफ जाने वाली दोनो ही सड़क शाम होते ही अंधेरे में डूब जाती है, खासकर पश्चिमी द्वार पूर्णरुपेण अंधेरे में रहता है. यात्रियों को आने-जाने में भी दिक्कत होती है. ज्ञात हो कि बारिश के दिनों में स्थिति भयावह हो जाती है. हर घंटे दर्जन भर के हिसाब से दुर्घटनाएं होती रहती हैं.