वार्ड सभा या सीधे नगर परिषद को दी जा सकेगी अनुशंसा
प्राथमिकता के आधार पर तय होगा बजट
सहरसा नगर : जनता का जनता के लिए जनता के द्वारा शासन की परिकल्पना दशकों पूर्व दार्शनिक व अमेरिका के राष्ट्रपति रहे अब्राहम लिंकन ने की थी. जिसके बाद विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में जनता के द्वारा चुने गये प्रतिनिधि को अधिकार देकर कार्य शुरु किये गये. बाद के समय में ग्राम सभा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की स्वीकृति भी हाथ उठाकर ली जाने लगी थी. लेकिन इन सबों के बीच जनता की भूमिका प्रभावी नहीं बन सकी.
समाज के प्रभावशाली लोगों के समक्ष अंतिम पायादान पर खड़े लोगों को हाथ उठा विरोध जताने की हिम्मत भी नहीं आ सकी. फिलवक्त राज्य सरकार ने शहर के लोगों को क्षेत्र की समस्याएं व उसके समाधान को लेकर सुझाव व पत्र अग्रसारित करने का अधिकार देकर मील का पत्थर साबित कर दिया है. हालांकि लोकतंत्र में यह अधिकार सांसद, विधायक, पार्षद व निर्वाचित प्रतिनिधियों को ही प्राप्त था. अब शहरी निकाय के लोग वार्ड सभा या नप कार्यालय में पहुंच कार्यो की सूची अनुशंसित कर सकते हैं.
लेटर पेड नहीं, सादा कागज ही सही : नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश राम बताते है कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले कोई भी व्यक्ति शहर के विकास को लेकर अपना सुझाव दे सकते है. इसके लिए वार्ड में आयोजित वार्ड सभा या नगर परिषद स्थित कार्यालय में लिखित अनुशंसा दे सकते है. इसके लिए उन्हें लेटर पेड की आवश्यकता नहीं है वह स्वयं सादे कागज पर अनुशंसा भेज सकते है.
बनेगा बजट होगा फायदा : वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट बनने से पूर्व नगर परिषद द्वारा शहरी निकाय में रहने वले लोगों से सुझाव मांगे गये है. जिसमें पेयजल, सड़क, जलनिकासी, स्ट्रीट लाइट सहित सभी नागरीय सुविधा को सुव्यवस्थित व जनउपयोगी बनाने को लेकर लोग अपनी राय देंगे. इसके अलावा सरकार संबंधित क्षेत्र से मिल रहे राजस्व का आकलन कर बजट में राशि का प्रावधान भी करेगी.