खुशी : गाय पालने का दिखने लगा है परिणाम

खुशी : गाय पालने का दिखने लगा है परिणाम रंग ला रही समग्र विकास योजनालालफीताशाही को करना होगा दूरमवेशी पालकों ने समस्या को गंभीरता से लेने का किया अनुरोधप्रतिनिधि, सोनवर्षा राज सूबे की सरकार द्वारा मवेशी पालन को एक रोजगार के प्रमुख क्षेत्र में विकसित करने के लिये प्रारम्भ की गयी समग्र विकास योजना धीरे-धीरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2016 6:42 PM

खुशी : गाय पालने का दिखने लगा है परिणाम रंग ला रही समग्र विकास योजनालालफीताशाही को करना होगा दूरमवेशी पालकों ने समस्या को गंभीरता से लेने का किया अनुरोधप्रतिनिधि, सोनवर्षा राज सूबे की सरकार द्वारा मवेशी पालन को एक रोजगार के प्रमुख क्षेत्र में विकसित करने के लिये प्रारम्भ की गयी समग्र विकास योजना धीरे-धीरे अपना परिणाम दिखाने लगी है. योजन के तहत 50 प्रतिशत का अनुदान मवेशी पालकों के लिये अत्यंत फायदेमंद साबित हो रहा है. अतलखा पंचायत के ननौती गांव के दर्जनों मवेशी पालक इस योजना का फायदा उठाकर अपनी डेयरी खोल कर प्रतिवर्ष लाखों रूपये कमा रहे हैं. मवेशी पालन के फायदेननौती गांव स्थित सागर डेयरी फार्म के मालिक रमण कुमार रमण बताते हैं कि एक गाय का खर्च प्रतिदिन के हिसाब से लगभग सवा सौ रू पये होता है. जबकि गाय के दूध को बेचकर लगभग ढाई सौ रूपये की आय होती है. जाहिर है सवा सौ रूपये के खर्च पर सवा सौ का मुनाफा होता है. श्री झा बताते हैं कि बीते वर्ष 2013 में उन्होंने दो गाय से सागर डेयरी की शुरूआत की थी. उसी वर्ष समग्र गव्य योजना के तहत उन्होंने ननौती स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा से साढे चार लाख रूपये लोन स्वीकृत करवाया. दो वर्षो की आमदनी से अनुदान के बाद बची राशि को वापस कर दिया. अब उनकी डेयरी में बीस गाय हो गयी है. इसके अलावे कई लोग इस योजना से जुड़कर लाखों रूपये प्रतिवर्ष कमा रहे हैं. लालफीताशाही से करना होगा दूर योजना को घर-घर तक पहुंचाने के लिये सरकार को बैंक एवं संबंधित विभाग को कई समस्याओं को दूर करने की आवश्यकता है. इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण सागर डेयरी है. बीते वित्तीय वर्ष 2013-14 में इस योजना से उन्होंने पीएनबी ननौती से साढे चार लाख रूपये का लोन लिया. सरकार द्वारा प्रदत बैंक को छोड़कर उन्होंने सारा कर्ज बैंक को वापस कर दिया. लेकिन संबेधित विभाग द्वारा अनुदान की राशि का भुगतान अभी तक नही किया है. जिस वजह से अनुदानित राशि का ब्याज भरते – भरते मवेशी पालक खुद को ठगा महसूस करते हैं. यही नही बैंक भी समग्र गव्य विकास योजना का लाभ लेने वाले इन मवेशी पालक को आज कल कहकर लगातार टालते रहते हैं. फोटो- गाय 11 – अपने मवेशी के साथ पालक

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