विकृत मानसिकता में लाये बदलाव
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मौहाल भक्तिमय. तीन िदवसीय गायत्री महायज्ञ शुरू
विकृत मानसिकता में लाये बदलाव सिमरी बख्तियारपुर : समाज में आज जटिल समस्याओं का अंबार है. पहले एक रावण था जिसने सीता का अपहरण किया,लेकिन आज संसार में रावण नामक कोई व्यक्ति नहीं है, फिर भी सीता का अपहरण हो रहा है. उक्त बातें तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ व पावन प्रज्ञा पुरान कथा के पहले […]
सिमरी बख्तियारपुर : समाज में आज जटिल समस्याओं का अंबार है. पहले एक रावण था जिसने सीता का अपहरण किया,लेकिन आज संसार में रावण नामक कोई व्यक्ति नहीं है, फिर भी सीता का अपहरण हो रहा है. उक्त बातें तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ व पावन प्रज्ञा पुरान कथा के पहले दिन हरिद्वार से आए प्रवचन करता पंडित सुनील शर्मा ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा. उन्होंने कहा कि आज कोई दु:शासन नहीं है पर नारी का अपमान हो रहा है. कोई कंश नहीं है पर शासकों का अत्याचार बढ़ा है. मानव में विकृत मानसिकता का वास हो रहा है.
इनसान को अधर्म और पाप की ओर ले जा रहा है. पाप का अंत करने भगवान विभिन्न रूप में आए हैं. इस युग में भगवान का प्रज्ञा अवतार हुआ है यह उनका संकल्प है कि हर युग में युग का समाधान के लिए विभिन्न रूपों में अवतार लेता रहूंगा. उन्होंने कहा कि वेद पुराण में तत्कालीन समस्याओं का समाधान होता है. पुराण लिखने वालों को व्यास का पद मिलता हैं. हर युग के व्यास द्वारा वर्त्तमान समय के समस्याओं के समाधान के लिए युग परिवर्त्तनकारी विचार संसार को प्राप्त होता रहता है. प्रज्ञा पुरान कथा उन्हीं प्रज्ञा अवतार भगवान का स्वरूप है. मानव में देवत्व का उदय व धरती पर स्वर्ग का अवतार होगा. टोली में उमाकांत शर्मा, सुसेन मरकान, हुकुम चन्द मरावी, महेश तिवारी ने संगत पर साथ दिया. आयोजन को सफल बनाने में गायत्री परिवार प्रमुख डां प्रियनंदन प्रसाद, पुनम प्रसाद, स्नेह सौरभी, यज्ञ संयोजक अभय कुमार, श्रवण, नारायण, गौरव, सुनील, गणेश, ई योगेंद्र यादव, विपिन, संगीता, पूनम, श्यामा, वीणा, मुन्नी सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.
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