दूसरों की आजादी में ना हो खलल
सहरसा सदर : मुजफ्फरपुर निवासी लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कुमार सिंह व उनके सहयोगी नेपाल काठमांडु निवासी उषा त्रिक्षु पूरे देश में राईटपोर्ट जेंडर फ्रीडम के उददेश्य की जागरूकता को लेकर साइकिल यात्रा के भ्रमण को लेकर सोमवार को सहरसा पहुंचे. 15 मार्च 2014 को चेन्नई से अपनी मिशन की शुरूआत कर राकेश अब […]
सहरसा सदर : मुजफ्फरपुर निवासी लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कुमार सिंह व उनके सहयोगी नेपाल काठमांडु निवासी उषा त्रिक्षु पूरे देश में राईटपोर्ट जेंडर फ्रीडम के उददेश्य की जागरूकता को लेकर साइकिल यात्रा के भ्रमण को लेकर सोमवार को सहरसा पहुंचे. 15 मार्च 2014 को चेन्नई से अपनी मिशन की शुरूआत कर राकेश अब तक नौ राज्यों का भ्रमण कर करीब साढ़े 14 हजार किलोमीटर की साइकिल से यात्रा करने के बाद सितंबर 2015 से बिहार के कई जिलों का भ्रमण करने के बाद सहरसा पहुंचे.
अब तक साइकिल से तमिलनाडु, पांडीचेरी, केरल, कर्नाटक, तिलंगना, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा राज्यों का जेंडर फ्रीडम आजादी के लिये सभी को मिले अधिकार को लेकर अपने संदेशों से लोगों को जागरूक करने का सफल प्रयास में लगे हैं.
सोमवार को स्थानीय जीविका कार्यालय में सामाजिक विषयों को लेकर भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा सहित महिलाओं को समान अधिकार विषयों को लेकर उन्होंने अपने मिशन की चर्चा लेखक व समाजिक कार्यकर्ता होने के नाते राकेश ने अपनी सोच को लेकर पूरे भारत वर्ष की साइकिल यात्रा का भ्रमण कर इन विषयों को लेकर लोगों में बदलाव की उम्मीद जगाने की बात कही.
उन्होंने कहा कि महिलाओं को लेकर पूरे भारत वर्ष के अंदर जो लोगों की सोच है, उसमें बदलाव लाना ही उनका मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि देश में महिलाओ के प्रति हिंसा, भ्रूण हत्या, दहेज प्रताड़ना, बाल्तकार जैसी घटनाओं को रोकने के लिये अपराधियों को सजा देना जरूरी है. इसके लिए महिलाओं में फ्रीडम की स्वंतत्रता के लिये उन्हें प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि खुद की आजादी के लिए दूसरों की आजादी का भी ख्याल रखना होगा. तभी महिला प्रताड़ना व महिलाओं के प्रति सोच में बदलाव लाया जा सकता है. इनके साथ नेपाल क्षेत्र काठमांडु की मूल निवासी पेशे से महिला फोटोग्राफर उषा त्रिक्षु ने भी राकेश के हौंसले और उनके मिशन को साथ देने के लिए फेसबुक के जरिये उनके सम्पर्क में आने के बाद अपने देश नेपाल से निकल कर दिसम्बर 2015 से सोनपुर में उनसे मुलाकात के बाद मिशन को साथ दे रही है.
उन्होंने बताया कि 11 साल की उम्र से ही वे साइकिल चलाते वक्त अपने देश नेपाल के राज्य मार्ग का साइकिल से भ्रमण करने की कभी सोची थी. आज नेपाल से बाहर निकल कर महिला जेंडर गैप व महिला की स्वतंत्रता के लिए राकेश का कदम से कदम मिलाकर साथ दे रही है और इकिल से भारत का भ्रमण कर रही है. उन्होंने कहा कि मैं आजादी की तरह समाज के न्याय के लिये ऐसे नेक काम को हमेशा करती रहूंगी.
ताकि गांव समाज के अंदर महिला फ्रीडम को लेकर बदलाव लाया जा सके. सहरसा भ्रमण के दौरान जीविका के जिला प्रयोजना प्रबंधक आरके निखिल ने दोनों ही कार्यकर्ता का स्वागत किया. जीविका द्वारा महिला सशक्तिकरण को लेकर सोनवर्षाराज प्रखंड में दोनों ही समाजिक कार्यकर्ताओं का भ्रमण करवा कर जीविका स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से दोनो को रूबरू कराया गया. ताकि उनके विचार से महिलाओं के जीवन में बदलाव लाया जा सके.
डीपीआरओ विन्दुसार मंडल ने भी दोनों समाजिक कार्यकर्ता द्वारा चलाये जा रहे मिशन की सराहना करते हुए दहेजप्रथा, कन्या भ्रूण हत्या जैसे विषयों को लेकर समाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा चलाये जा रहे मिशन की सराहना की. इस मौके पर जीविका के मीडिया प्रभारी रवि केशरी सहित सभी कार्यालय कर्मी मौजूद थे.