बालू डिपो की भीड़ में बीमार हो रहे लोग
शहर के मीर टोला से रिफ्यूजी चौक तक बालू का अवैध भंडारण हो रहा है. गाड़ियों के चलने से उड़ती धूल से राहगीरों को परेशानी होती है. लोग बीमार पड़ते हैं. लेकिन इस समस्या के निदान की कोई पहल नहीं की जा रही है. सहरसा नगर : आप सुबह में गुजरते हो या शाम में, […]
शहर के मीर टोला से रिफ्यूजी चौक तक बालू का अवैध भंडारण हो रहा है. गाड़ियों के चलने से उड़ती धूल से राहगीरों को परेशानी होती है. लोग बीमार पड़ते हैं. लेकिन इस समस्या के निदान की कोई पहल नहीं की जा रही है.
सहरसा नगर : आप सुबह में गुजरते हो या शाम में, मीर टोला से रिफ्यूजी चौक तक की डगर पार करने में धूल व बालू से ही सामना करना पड़ेगा. सांसों के रास्ते उड़ते धूलकण राहगीरों को बीमार कर रहे हैं. जबकि आसपास कई डॉक्टर के अस्पताल भी हैं. मरीजों को भी धूल के कारण जोखिम उठाने की मजबूरी बनी हुई है.
ज्ञात हो कि इन रास्तों के बगल में लोगों द्वारा जमीन किराये पर लेकर धड़ल्ले से बालू, गिट्टी व सिमेंट की बिक्री की जा रही है. दूसरी तरफ इन डस्ट वाले मेटेरियल को सड़क की फुटपाथ पर ही जमा कर दिया गया है. जो वाहनों की आवाजाही में हमेशा वातावरण को दूषित करते रहती है.
भंडारण भी अवैध है : एक तरफ जिला प्रशासन खनन विभाग के सहयोग से बालू के भंडारण करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई कर रही है. दूसरी तरफ इन डिपो के आगे ट्रक व ट्रैक्टर से लोड -अनलोड का खेल जारी है. इसके बावजूद प्रशासन बालू माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रही है. ग्राहक बताते हैं कि इन दिनों कीमत भी दुकानदार बढ़ा-चढ़ा कर वसूल रहे हैं. इन दुकानों में ग्राहकों को पक्की रसीद भी नहीं दी जाती है.
सांस लेने में होती है परेशानी: धूल से भरे इन सड़कों से गुजरने वाले लोग आशिंक रूप से प्रभावित हो रहे हैं.लेकिन इन दुकानों के आसपास में रहने वाले बाशिंदों की जिंदगी बीमारी के करीब पहुंच रही है. स्थानीय निवासी मो अकरम बताते हैं कि अस्थमा व हृदय रोग पनपने लगे हैं. खास बात है कि राज्य सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री का आवास भी इसी मोहल्ले में है. इसके बावजूद स्वास्थ्य के साथ-साथ सरकार को राजस्व का चूना लगाने वाले इन डिपो को शहर से दूर स्थातांतरित नहीं किया जा रहा है.
क्या कहते हैं चिकित्सक
साईं सेवा सदन के चिकित्सक डॉ विमल कुमार कहते हैं कि धूल की वजह से अस्थमा के अलावा सांस जनित कई गंभीर बीमारियों को पनपने का मौका मिलता है. बच्चे व बुजुर्ग को काफी परेशानी होती है. हरसंभव इन लोगों का बचाव करना चाहिए.