मरीज के परिजन नहीं ले सकेंगे शेड की सुविधा
सदर अस्पताल के परिजन शेड को पहले दवा भंडार, अब नशा मुक्ति केंद्र बना दिया गया है. निर्माण के बाद से आज तक परिजनों को यहां बैठने की सुविधा भी मयस्सर नहीं हुई. सहरसा सिटी : सदर अस्पताल के पूर्वी हिस्से में बना रोगी परिजन शेड निर्माण के बाद से आज तक परिजनों को सुविधा […]
सदर अस्पताल के परिजन शेड को पहले दवा भंडार, अब नशा मुक्ति केंद्र बना दिया गया है. निर्माण के बाद से आज तक परिजनों को यहां बैठने की सुविधा भी मयस्सर नहीं हुई.
सहरसा सिटी : सदर अस्पताल के पूर्वी हिस्से में बना रोगी परिजन शेड निर्माण के बाद से आज तक परिजनों को सुविधा नहीं दे सका है. इसका उपयोग स्वास्थ्य विभाग अपनी मरजी से करता रहा. कभी दवा भंडार के रूप में तो कभी किसी काम में इसका उपयोग विभाग करता रहा. अब उसे नशा मुक्ति केंद्र में परिणत कर दिया गया है.
भवन का निर्माण अस्पताल में भरती मरीज के परिजनों को ठहरने व खाना बनाने के लिए किया गया था. लेकिन निर्माण के बाद से ही यह अपने उद्देश्य से भटक गया. विभाग द्वारा इसे नये रूप देने के बाद लोगों में चर्चा छिड़ गयी है कि आखिर परिजन कहां ठहरेंगे. लोगों ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग से परिजनों के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग की है.
आखिर कहां रहेंगे परिजन: परिजनों के ठहरने के लिए लाखों की लागत से परिजन शेड का निर्माण किया गया था.लेकिन निर्माण के बाद से ही इसका उपयोग विभाग अपनी मनमर्जी से कर रहा है. कुछ दिन पूर्व तक इस भवन का उपयोग दवा भंडार के रूप में किया जा रहा था. इस बाबत डीपीएम अशीत रंजन ने बताया कि भवन को दस लाख की लागत से नशा मुक्ति केंद्र में परिणत किया जा रहा है. जिसमें दस बेड लगाया जायेगा. उन्होंने बताया कि प्रधान सचिव के निर्देश पर निर्माण हो रहा है.
दस लाख की लागत
डीपीएम ने बताया कि प्रधान सचिव के निर्देश पर दस लाख की लागत से भवन में डॉक्टर, सहायक कर्मी, डाटा ऑपरेटर व किरानी के लिए चार कमरा, दो शौचालय, दो स्नानागार व एक हॉल का निर्माण किया जा रहा है. हॉल मे दस बेड लगाया जायेगा. मालूम हो कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे शराबबंदी को लेकर सरकार के निर्देश पर नशा मुक्ति केंद्र का निर्माण किया जा रहा है.