कोसी महोत्सव. मेहमान पीछे, स्थानीय फनकारों ने रखी महोत्सव की लाज, कृतिका ने लोगों को झुमाया

बेपनाह प्यार है आजा, तेरा इंतजार है आजा… कोसी महोत्सव के पहले दिन स्थानीय व मेहमान कलाकारों ने प्रस्तुति दी. इंडियन आइडल फेम मनीषा कर्माकर को दर्शकों खासी तवज्जो नहीं िमलने के बाद सहरसा की कृतिका गौतम ने महफिल लूट ली. सहरसा नगर : सी महोत्सव की पहली शाम शनिवार को इंडियन आइडल फेम मनीषा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2016 5:07 AM

बेपनाह प्यार है आजा, तेरा इंतजार है आजा…

कोसी महोत्सव के पहले दिन स्थानीय व मेहमान कलाकारों ने प्रस्तुति दी. इंडियन आइडल फेम मनीषा कर्माकर को दर्शकों खासी तवज्जो नहीं िमलने के बाद सहरसा की कृतिका गौतम ने महफिल लूट ली.
सहरसा नगर : सी महोत्सव की पहली शाम शनिवार को इंडियन आइडल फेम मनीषा कर्माकर के सुरीली सुरों को सुनने के लिए आयोजित की गयी थी. मनीषा ने मेरी गलियां…गलियां के जरिए अपनी आवाज से मुख्य मंच पर इंट्री की. लेकिन गाने के बोल व मनीषा के सुर आपस में तारतम्य बनाने की कोशिश में लगे रहे.
कोसी महोत्सव के मंच पर पूर्व में देश के ख्याति प्राप्त फनकार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं. वहीं वर्तमान में देश के स्थापित कलाकारों के बजाय रॉक बैंड के चलन को कोसी महोत्सव में भी अपनाने के कारण खचाखच भरे रहने वाले स्टेडियम को अंतत: दर्शकों के लिए तरसना पड़ा. मनीषा कर्माकर द्वारा दर्जन भर हिंदी फिल्मों के गीतों की प्रस्तुति दी गयी. इसके बावजूद उनकी गायिकी समां बांधने में नाकामयाब रही. नतीजतन दर्शक दीर्घा में बैठे महत्वपूर्ण लोगों सहित आम श्रोता कुर्सी को छोड़ विदा होने लगे. हालांकि स्थानीय गायिका कृतिका गौतम व सदर एसडीओ जहांगीर आलम ने दर्शकों की मन:स्थिति को भांप मंच की बागडोर थाम ली. जिसे मौजूद संगीत प्रेमियों ने काफी सराहा.
शमशेर ने खूब गुदगुदाया
टीवी चैनल के मिमिक्री स्टार शमशेर खान ने मंच उद्घोषणा के जरिए दर्शकों को खूब हंसाने का काम किया. मनीषा के बेसुरे तानों से खफा दर्शक शमशेर के इंट्री लेते ही मचलने लगते थे. शमशेर ने स्थानीय व समसामयिक विषयों पर बेहतरीन व्यंग्य कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. शमशेर के मंच पर प्रस्तुति देते वक्त दर्शक वन्स मोर की आवाज लगाते थे.
शेट्ठी ने दी मंच को उंचाई
कोलकाता से पहुंचे गायक डॉ सत्येंद्र कुमार शेट्ठी ने जरूर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. इन्होंने ऐ जिंदगी गले लगा ले…, नीचे फूलों की दुकान…, होली खेले रघुवीरा अवध में सहित एक से बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुति देकर महोत्सव के मंच को आगे बढ़ाने का काम किया. गायक सत्येंद्र ने फोक गीतों को प्राथमिकता देते जबरदस्त प्रस्तुति दी. दशर्क इनकी गीतों पर लगातार ताली बजाते रहे.
अंतत: काम आयी सहरसा की बेटी
कोसी महोत्सव में आमंत्रित किये जाने वाले कलाकारों की प्रस्तुति के पूर्व मंच स्थानीय कलाकार को दिया जाता था. जिसके बाद दर्शक के अलावा स्थानीय कलाकार भी बाहर से आये फनकारों की प्रस्तुति से संगीत की बारीकी को सीखते हैं. लेकिन मुख्य गायिका मनीषा कर्माकर की प्रस्तुति से निराश हो चुके ऑडियंस की फरमाइश पर आयी सहरसा की बेटी कृतिका गौतम के सुरों ने झूमने पर विवश कर दिया.
कृतिका ने मंच पर बेपनाह प्यार है आजा…तेरा इंतजार है आजा से की. गाने के प्रत्येक बोल के साथ दर्शक भी कृतिका की दिलकश आवाज में डूबते गये. इस दौरान कई बार भीड़ बेकाबू भी हो गयी. पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा. इसके बाद कृतिका ने अभी ना जाओ छोड़ कर कि दिल अभी भरा नहीं… सहित एक से बढ़कर एक पंजाबी लोक गीतों से महोत्सव की लाज बचा ली. ज्ञात हो कि कृतिका पार्श्व गायिका कविता कृष्णमूर्ति व चंदन दास सहित कई फनकारों के साथ मंच साझा कर चुकी है.

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