बाबुओं की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे शिक्षक
सहरसा मुख्यालय : बिहार सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा विभाग को जाता है. फिर भी न तो स्कूली व्यवस्था में सुधार हो पर रहा है और न ही शिक्षकों के मानदेय का समय पर भुगतान ही समय पर हो पा रहा है. शिक्षक कहते हैं कि उन्हें समय पर मानदेय नहीं मिलने […]
सहरसा मुख्यालय : बिहार सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा विभाग को जाता है. फिर भी न तो स्कूली व्यवस्था में सुधार हो पर रहा है और न ही शिक्षकों के मानदेय का समय पर भुगतान ही समय पर हो पा रहा है. शिक्षक कहते हैं कि उन्हें समय पर मानदेय नहीं मिलने से पढ़ाने में मन नहीं लगता है.
जबकि सरकार मानदेय भुगतान के लिए समय से विभाग को पर्याप्त राशि आवंटित कर देती है. विभाग द्वारा सरकार से प्राप्त आवंटन से खर्च की गई राशि का उपयोगिता ससमय जमा नहीं किए जाने के कारण निकासी पर रोक लगा दी जाती है और शिक्षक मानदेय से वंचित रह जाते हैं. ऐसा प्रत्येक वर्ष मार्च महीने में होता है. जब एक ओर होली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार की धुन सवार होती है तो दूसरी ओर 31 मार्च के बाद राशि लौट जाने की चिंता बनी रहती है. ऐसा सिर्फ और सिर्फ विभागीय बाबुओं की लापरवाही के कारण होता है.