परेशानी. मात्र एक बड़ी व एक छोटी गाड़ी है जिला मुख्यालय स्थित अग्निशमन विभाग में

दमकल के अभाव में विभाग है असहाय तापमान बढ़ने के साथ ही जिले में अगलगी की घटनाएं बढ़ गयी है, लेकिन समुचित संसाधन के अभाव में जिला मुख्यालय स्थित अग्निशमन विभाग असहाय बना हुआ है. सहरसा शहर : गरमी का मौसम आने के साथ ही अगलगी की घटनाओं में काफी वृद्धि को गयी है, लेकिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2016 4:08 AM

दमकल के अभाव में विभाग है असहाय

तापमान बढ़ने के साथ ही जिले में अगलगी की घटनाएं बढ़ गयी है, लेकिन समुचित संसाधन के अभाव में जिला मुख्यालय स्थित अग्निशमन विभाग असहाय बना हुआ है.
सहरसा शहर : गरमी का मौसम आने के साथ ही अगलगी की घटनाओं में काफी वृद्धि को गयी है, लेकिन आग पर काबू पाने के लिए जिले में पर्याप्त संख्या में दमकल नहीं होने से ऐसी घटनाओं पर काबू पाना अग्निशमन विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है. मालूम हो कि जिला मुख्यालय में दो बड़ा दमकल वाहन व दो छोटा अग्निशामक वाहन था. इसमें एक नये मॉडल की गाड़ी विभागीय निर्देश के बाद सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल को सौंप दी गयी. जबकि एक छोटी गाड़ी सौरबाजार थाने को दे दी गयी. जिला मुख्यालय में मात्र एक पुराने मॉडल की बड़ी गाड़ी जिसकी क्षमता 55 सौ लीटर व एक छोटी गाड़ी जिसकी क्षमता 3 सौ लीटर है. वही बची है. जबकि कार्य क्षेत्र पूरा जिला है.
ऐसे में विभाग कहां-कहां इसका उपयोग कर सकता है. यह सोचने की बात है.
फरवरी के बाद से पछुवा हवा के झोकों से आग लगने की घटनाओं में काफी वृद्धि हो गयी है. जबकि पूर्व से ही यह जिला अग्निकांड से पीड़ित रहा है. ऐसे में अग्निशामक दस्ता ही एक सहारा दिखता है, लेकिन विभाग के पास संसाधनों व गाड़ी नहीं होने से वह खुद असहाय दिख रहा है. अग्निशमन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने इस बाबत जिलाधिकारी व आरक्षी अधीक्षक को पत्र भेज अपनी असमर्थता को जाहिर किया है. ऐसे में जिलेवासी भगवान भरोसे ही बच रहे हैं. इधर एक सप्ताह के अंदर सौरबाजार, महिषी, पतरघट, सत्तरकटैया व जिला मुख्यालय में कई जगह आग लगने की घटना हो चुकी है. ऐसे में अगर अग्निशाम विभाग इस तरह असहाय बना रहा, तो कभी भी बड़ी अगलगी की घटना जिले के कई गांवों का अस्तित्व समाप्त कर सकती है.

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