बालगृह के एक व दत्तक गृह के दो बच्चे की मौत

बालगृह के एक व दत्तक गृह के दो बच्चे की मौततीनों पहले से थे बीमार, चल रहा था इलाजफोटो – गृह 5 ——————–प्रतिनिधि4सहरसा सिटीशहर के रहमान चौक स्थित बाल गृह से मंगलवार की सुबह छह बच्चे के फरार होने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि देर रात एक 14 वर्षीय बालक हरिओम की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2016 6:57 PM

बालगृह के एक व दत्तक गृह के दो बच्चे की मौततीनों पहले से थे बीमार, चल रहा था इलाजफोटो – गृह 5 ——————–प्रतिनिधि4सहरसा सिटीशहर के रहमान चौक स्थित बाल गृह से मंगलवार की सुबह छह बच्चे के फरार होने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि देर रात एक 14 वर्षीय बालक हरिओम की मौत हो गयी. वहीं कोसी चौक स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में भी दो बच्चे की मौत हो गयी. घटना के बाद लोगों में कई तरह की चर्चा शुरू हो गयी. कोई इसे व्यवस्था का दुरुस्त नहीं रहना, तो कोई ससमय इलाज नहीं होने की बात कर रहे थे. इस बाबत बाल गृह की अधीक्षक कविता चौधरी व दत्तक के प्रबंधक श्वेता झा ने बताया कि मामले की जानकारी स्थानीय थाना सहित वरीय अधिकारी को दे दी गयी है.अचानक हो गयी थी तबीयत खराबबाल गृह की अधीक्षक कविता चौधरी ने बताया कि पटना से बीते 15 फरवरी को हरिओम को गृह में संरक्षित करवाया गया था. 26 मार्च को अचानक तबीयत खराब होने पर उसे सदर अस्पताल में दिखाया गया था. डॉक्टर ने लीवर इंफेक्शन होने की बात कही गयी. इलाज के बाद उसकी सेहत में सुधार हुआ था. कुछ दिन से खाना-पीना भी नहीं खा रहा था. मंगलवार की देर रात हाउस मदर ने सूचना दी कि बालक को सांस लेने में परेशानी हो रही है. उसे तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया. जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया. इलाज के दौरान गयी जानदत्तक ग्रहण की प्रबंधक श्वेता झा ने बताया कि 30 जनवरी को सीडब्लूसी सहरसा द्वारा एक बच्ची व दो मार्च को मुजफ्फरपुर सीडब्लूसी द्वारा एक बच्चे को संरक्षित करवाया गया था. बच्ची अंडर वेट थी और बच्चा शरीरिक व मानसिक रूप से अस्वस्थ्य था. दोनों का इलाज संस्थान के चिकित्सक व सदर अस्पताल में चल रहा था. बुधवार की सुबह इलाज के दौरान मौत हो गयी…………………………..बच्चा जब से आया था, बीमार था, उसका इलाज किया जा रहा था. मंगलवार रात उसे कुछ तकलीफ हुई, चिकित्सक के पास ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया. विभाग को भी लिखित रूप से सूचित किया गया है. जांच कर कार्रवाई की जायेगी. अनिल पटेल, सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई

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