फेसबुक व व्हाट्सएप पर भी मांग रहे वोट व समर्थन
फेसबुक व व्हाट्सएप पर भी मांग रहे वोट व समर्थन पंचायत चुनाव में हो रहा सोशल मीडिया का प्रयोगकुमार आशीष, सहरसा नगरपंचायत चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर वोटरों के बीच अपनी दमदार उपस्थित दर्ज करा रहे हैं. इसके साथ ही कोई किसी को फेसबुक से तो कोई […]
फेसबुक व व्हाट्सएप पर भी मांग रहे वोट व समर्थन पंचायत चुनाव में हो रहा सोशल मीडिया का प्रयोगकुमार आशीष, सहरसा नगरपंचायत चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर वोटरों के बीच अपनी दमदार उपस्थित दर्ज करा रहे हैं. इसके साथ ही कोई किसी को फेसबुक से तो कोई व्हाटसअप ग्रुप बनाकर वोटरों व जनता को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं. जनता प्रत्याशी से एक कदम आगे आकर सभी प्रत्याशियों का मनोबल ऊंचा करने के लिए सभी के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवा प्रत्याशियों को चकमा दे रहे हैं. प्रत्याशी अपना रहे हथकंडेप्रत्याशियों द्वारा जनता का मन टटोलने के लिए विभिन्न प्रकार के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. कोई अपने वादों व मुद्दों का बैनर लिखवा कर पंचायत में पड़ने वाले गांवों में जाकर लटका रहे हैं, तो कोई रुपये से वोटर खरीदने का दावा कर रहे हैं. इस बार जनता इतना चलाक है कि किसी को कुछ भी साफ-साफ बताने को तैयार नहीं है. मुखिया को लेकर सभी प्रखंड क्षेत्र में एक से दो सीट को लोग हॉट सीट मानकर चल रहे है. यह सीट महिषी भी हॉट हैआरक्षण के कारण कई अनारक्षित सीट आरक्षित हो गये है तो कई आरक्षित सीटों पर अनारक्षित उम्मीदवारों को मौका मिला है. महिषी उत्तरी पंचायत की मुखिया सीट पहले आरक्षित कोटी में आती थी. लेकिन वर्तमान रोस्टर में अनारक्षित महिला की श्रेणी में आ गयी है. रोस्टर जारी रहने से पूर्व जनता के बीच ताल ठोकने वाले पुरुष अब महिलाओं के बूते सीट पर कब्जा जमाने की फिराक में लगे हुए है. यहां दो पूर्व मुखिया व प्रखंड उपप्रमुख के अलावा ट्रस्ट के सचिव का दाव इस सीट पर लगा हुआ है. एक पूर्व मुखिया पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र का 15 वर्ष से प्रतिनिधित्व करने की चर्चा भी होती है. अब जनता सभी प्रत्याशियों के रिझाने के बाद कौन सा फैसला करेगी यह काफी दिलचस्प होगा. चाय-पान की गुमटियों पर पंचायत चुनाव की चर्चा काफी जोर पकड़ चुका है. हालांकि मतदाता सभी प्रत्याशियों को जीतने का आशिर्वाद दे रही है. वोटकटवा भी हैं मैदान में पंचायत चुनाव में जिले की सभी 151 पंचायतों में मुखिया पद को लेकर हो रहे चुनाव की बात करे तो लड़ाई सभी सीटों पर आमने-सामने की है. हालांकि कुछ जगहों पर त्रिकोणीय संघर्ष के भी आसार दिख रहे है. औसतन प्रत्येक पंचायत में सात से दस प्रत्याशी मुखिया बनने की उम्मीद लगाये बैठे है. जिनमें दो-तीन को छोड़ अधिकांश को लोग वोटकटवा की श्रेणी में रख रहे है. मतदाता स्पष्ट कहते है कि जातिय गणित को दुरुस्त करने के लिए कुछ लोग डमी प्रत्याशी को बढ़ावा देते है.