डाॅक्टर ने निकाला गर्भाशय, हंगामा

आक्रोश. परिजनों ने चिकित्सक पर लगाया लापरवाही का आरोप सहरसा सिटी : सदर अस्पताल में प्रसव के लिये भरती सतरकटैया प्रखंड के नंदलाली गांव की 22 वर्षीया देवकी देवी का बुधवार की रात ऑपरेशन के दौरान गर्भाशय फटे रहने पर डॉक्टर ने उसे निकाल दिया. इसके बाद परिजनों ने चिकित्सक डॉ रवींद्र मोहन पर लापरवाही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2016 4:57 AM

आक्रोश. परिजनों ने चिकित्सक पर लगाया लापरवाही का आरोप

सहरसा सिटी : सदर अस्पताल में प्रसव के लिये भरती सतरकटैया प्रखंड के नंदलाली गांव की 22 वर्षीया देवकी देवी का बुधवार की रात ऑपरेशन के दौरान गर्भाशय फटे रहने पर डॉक्टर ने उसे निकाल दिया. इसके बाद परिजनों ने चिकित्सक डॉ रवींद्र मोहन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा हंगामा शुरू कर दिया. रात में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनिल कुमार, अस्पताल प्रबंधक विनय रंजन ने लोगों को शांत कराया.
डॉक्टर ने गर्भाशय फटने की कही बात : परिजनों ने बताया कि बीते एक अप्रैल को दोपहर में दर्द होने की शिकायत पर मरीज को भरती कराया गया था. शाम में डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराया और प्रसव में 17 दिन देरी होने की बात कही. सोमवार को ऑपरेशन करने की बात कह ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया.
डाॅक्टर ने निकाला…
कुछ देर बाद डॉक्टर ने गर्भाशय फट जाने की बात कह उसे निकालने की बात कही. इसके बाद मरीज के स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी. नवजात भी मर गया था. परिजनों ने इलाज में देरी का आरोप लगाते हुए कई आरोप लगाये. परिजनों ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व देवकी की शादी हुई थी. पति सुमन यादव मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता है. इससे पूर्व एक बेटी है.
मंत्री ने ली मामले की जानकारी
सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह महिषी विधायक डॉ अब्दुल गफूर सदर अस्पताल के इमरजेंसी में भरती नंदलाली के रामेश्वर यादव से मिलने गुरुवार की दोपहर पहुंचे. मंत्री के आने की सूचना मिलते ही पीड़ित परिजनों ने मंत्री से मिल न्याय की गुहार लगायी. इसके बाद उन्होंने मामले की जानकारी ली व पीड़ित महिला से मिलने प्रसव वार्ड पहुंचे. जहां परिजनों ने मंत्री से अपनी आपबीती सुना दोषियों पर कार्रवाई की मांग की.
मंत्री ने सीएस डॉ अशोक कुमार सिंह से दूरभाष पर वार्ता कर मामले की जानकारी लेकर दोषी चिकित्सक पर कार्रवाई करने व पीड़िता को हरसंभव मदद करने का निर्देश दिया. उन्होंने सीएस को बाहर से भी विशेषज्ञ चिकित्सक को बुलाने का निर्देश देते हुए कहा कि कोख के बिना महिला अधूरी है. उन्होंने सीएस से बात करने के बाद कहा कि सीएस के बात को भी डॉक्टर ने तरजीह नहीं दी है. सीएस ने एक दिन पूर्व ही ऑपरेशन करने को कहा था, लेकिन उसने टाल दिया था. घटना शर्मनाक है, दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा.
मंत्री को झेलना पड़ा लोगों का आक्रोश
एक मरीज से मिलने सदर अस्पताल पहुंचे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री डॉ अब्दुल गफूर को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. लोगों ने सदर अस्पताल में व्याप्त कुव्यव्स्था का आरोप लगा मंत्री से निदान करने की मांग की. लोगों ने कहा कि क्षेत्र की जनता को मंत्री सह जिले के विधायक होने के नाते बड़ी उम्मीद है. लोगों ने कहा कि भरती होने के साथ ही बाहर से दवाई लाने के लिए पुरजा थमा दिया जाता है.
सुई देने तक के लिये परिजनों को कर्मी के पास चिरौरी करनी पड़ती है. साफ-सफाई नाम की कोई चीज नहीं है. बिना पैसा के कोई काम नहीं होता है. डॉक्टर व कर्मी अपनी मरजी से मरीज को देखने आते हैं. लोगों ने मंत्री से सदर अस्पताल को चुस्त-दुरुस्त करने की मांग की. जिसपर मंत्री ने सुधार करवाने का आश्वासन दिया.
विधायक ने भी लिया जायजा
गुरूवार की सुबह सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक अरुण कुमार सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड पहुंच पीड़ित महिला के परिजनों से मामले की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि दोषी को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल दलालों के चंगुल में है, जिस पर कार्रवाई आवश्यक है.
इस पर डीएस ने कहा कि अस्पताल प्रशासन द्वारा सदर थाना को अस्पताल में घुमने वाले दलालों के नाम व पता की सूची सौंप कार्रवाई की मांग की गयी है. विधायक ने अस्पताल के इमरजेंसी, प्रसव वार्ड, शिशु वार्ड सहित रक्तअधिकोष का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि अस्पताल में लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसका ध्यान रखें. मौके पर राजद के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रो मो ताहिर, भूपेंद्र यादव सहित अन्य शामिल थे.
सहरसा सदर अस्पताल की घटना

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