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सिंथेटिक दूध देगा कैंसर!

गड़बड़ी. बाजार के सिंथेटिक दूध का लोग कर रहे हैं उपयोग रसायन मिली सब्जियों के बीच दूध लोगों के स्वास्थ्य का सहारा होता है. लेकिन इन िदनों सिंथेटिक दूध के चलन ने इसके इस्तेमाल से पहले भी लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. यह दूध गंभीर रोग का कारण हो सकता है. खुद […]

गड़बड़ी. बाजार के सिंथेटिक दूध का लोग कर रहे हैं उपयोग
रसायन मिली सब्जियों के बीच दूध लोगों के स्वास्थ्य का सहारा होता है. लेकिन इन िदनों सिंथेटिक दूध के चलन ने इसके इस्तेमाल से पहले भी लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. यह दूध गंभीर रोग का कारण हो सकता है. खुद गाय पाल कर दूध निकलना अभी भी बेहतरीन विकल्प है.
सहरसा नगर : यूं तो दूध हड्डियों को मजबूती देता है, लेकिन आप सिंथेटिक दूध पी रहे हैं तो इससे सेहत बनने के बदले खराब हो जायेगी. सिंथेटिक दूध को लगातार पीने से पेट की विभिन्न बीमारियों के साथ ही कैंसर की भी आशंका रहती है. सिंथेटिक दूध में टाइटेनियम डाइ ऑक्साइड, यूरिया, डिटर्जेंट प्रमुख रूप से मिलाये जाते हैं. टाइटेनियम डाइ ऑक्साइड पोस्टर कलर है.
अगर सिंथेटिक दूध को लगातार पिया जा रहा है, तो इससे पेट में जलन की समस्या बढ़ सकती है. फिजिशियन डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया कि शुद्ध दूध में कैल्शियम व विटामिन होते हैं. इससे एसिडिटी में राहत मिलती है, लेकिन मिलावटी दूध से स्थिति ठीक उलट होती है. इससे एसिडिटी की समस्या के साथ आंतों में घाव भी हो सकते हैं. कई बार पेट में सूजन आ जाती है. लंबे समय तक समस्या रहने पर कई अन्य बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. डॉ सिंह ने बतायाकि सिंथेटिक दूध से अल्सर हो सकता है, लीवर में सूजन आ सकती है, जिससे पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है.
उन्होंने बताया कि सिंथेटिक दूध से गर्भवती और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है. इससे हड्डियों का क्षरण भी होगा. इसके चलते कमजोरी, अनिद्रा का भी रोग होने की भी आशंका रहती है. डॉ विमल कुमार ने बताया कि सिंथेटिक दूध से कैंसर का भी खतरा रहता है. इम्युन सिस्टम प्रभावित हो सकता है.
कर सकते हैं शिकायत
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन में दूध खराब होने पर कई बार लोग इसकी शिकायत नहीं करते हैं. इससे सिंथेटिक दूध को पकड़ना कठिन हो जाता है. अगर दूध का स्वाद खराब है और सिंथेटिक होने का शक है, तो इसकी शिकायत जरूर करें, नहीं हो तो कलेक्ट्रेट(जिला मुख्यालय) स्थित कार्यालय में इसकी शिकायत की जा सकती है. ज्ञात हो कि इस समय बाजार में कई ब्रांड के दूध उपलब्ध हैं. जिनको उबालने के बाद ठंडा करने पर दूध की गुणवत्ता सामने आती है. इन दूधों में जमने वाली मलाई में प्लास्टिक के रेशेदार तत्व नजर आते हैं.

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