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पुलिस के रडार पर कब चढ़ेंगे साइबर क्राइम के अपराधी!

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By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2016 5:40 AM

फोन पर रुपये व लॉटरी का लालच देते हैं अपराधी

सहरसा नगर : साइबर क्राइम से जुड़े अंतरप्रांतीय गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी में स्थानीय पुलिस महकमा अब तक नाकाम साबित हुई है. मास्टरमाइंड से लेकर गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस छापेमारी की कोई जानकारी भी सार्वजनिक नहीं हुई है. जिले के सदर थाना सहित विभिन्न थाना में साइबर क्राइम के दर्जनों मामले लंबित हैं. अमूमन प्रत्येक महीने साइबर क्राइम के इन अपराधियों द्वारा किसी न किसी व्यक्ति को निशाना बनाया जाता रहा है. जबकि राज्य स्तर से प्रत्येक जिले में एसपी के अधीन साइबर क्राइम को निबटाने के लिए यूनिट की स्थापना भी की गयी थी.
सूचना पर नहीं होता है काम: पुलिस को इस गिरोह में जामताड़ा के अलावा कई बड़े शहरों से साइबर अपराधियों का नेटवर्क जुड़े होने की सूचना सूचक के द्वारा दी जाती है. पुलिस को संबंधित लोगों के अकाउंट नंबर भी उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. स्थानीय निवासी संजय कुमार ने बताया कि दो वर्ष पूर्व उनके बैंक खाते से एक लाख रुपये निकाल लिये गये थे. लेकिन अब तक पुलिस कोई न्याय नहीं दिला सकी है.
पब्लिक भी नहीं है जागरूक: साइबर अपराधियों द्वारा फोन पर की जाने वाली ठगी की जानकारी रोजाना अखबार व टीवी के माध्यम से लोगों को मिलती रहती है. इसके बावजूद लोग ठगों द्वारा दिये जाने वाली गलत जानकारी व प्रलोभन के चक्कर में आ जाते हैं. जिसके बाद पलक झपकते सक्रिय अपराधी उनकी जमा राशि की निकासी या खरीदारी कर लेता है. जबकि बैंक द्वारा विज्ञापन व अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जाता है. बैंक अधिकारी बताते हैं कि पब्लिक से कोई भी जानकारी बैंक में ली जाती है न कि दूरभाष के माध्यम से.
एटीएम में रहें सावधान: इंटरनेट व फोन के माध्यम से लोगों को झांसा देने वाला गिरोह अब एटीएम के आसपास भी सक्रिय रहने लगा है. जहां भीड़ का फायदा उठा एटीएम कार्ड बदल ठगी कर ली जाती है. एटीएम से रुपये निकालने वक्त कभी भी किसी अनजान व्यक्ति की मदद लेने की मनाही होती है. इसके बावजूद लोग सक्रिय ठगों पर भरोसा कर लेते हैं.

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