घरों में घुस रहा है गंदा पानी

नप उदासीन. नाला जाम, सड़क पर कीचड़ व जलजमाव नगर परिषद की लापरवाही के कारण हल्की बारिश से ही नप वासियों की मुसीबत बढ़ने लगी है. स्थिति यह है कि सड़क पर कीचड़ व जलजमाव है. नाला जाम रहने के कारण गंदा पानी घरों में घुस रहा है. सहरसा मुख्यालय : शनिवार की शाम व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2016 6:11 AM

नप उदासीन. नाला जाम, सड़क पर कीचड़ व जलजमाव

नगर परिषद की लापरवाही के कारण हल्की बारिश से ही नप वासियों की मुसीबत बढ़ने लगी है. स्थिति यह है कि सड़क पर कीचड़ व जलजमाव है. नाला जाम रहने के कारण गंदा पानी घरों में घुस रहा है.
सहरसा मुख्यालय : शनिवार की शाम व रविवार की सुबह हुई थोड़ी-थोड़ी देर की बारिश से ही एक बार फिर नगर परिषद की अव्यवस्था सामने आ गयी. शहर की सभी सड़कों व मुहल्ले की गलियां पानी, कचरे व कीचड़ से बजबजा उठी. नाले ओवर फ्लो हो गये. गंदा पानी घरों में प्रवेश कर गया. और नाले से निकला कचरा सड़कों पर यत्र-तत्र फैल गया. सड़कों पर जल जमाव से कई मार्ग अवरुद्ध हो गये हैं. लंबे समय से जारी नप की लापरवाही को देख लोग अब अपने घर व दरवाजे को ऊंचा कराने में जुट गये हैं. मानसून के प्रवेश में अब कुछ दिन ही शेष रह गये हैं. लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन नालों की सफाई के प्रति नप की संवेदना नहीं जग पा रही है.
नप की लापरवाही से बढ़ी मुसीबत
नगर परिषद की कुव्यवस्था का सबसे सटीक उदाहरण गांधी पथ है. यहां सड़क के दोनों ओर के नाले उफना रहे हैं. काला, गंदा और दुर्गंध भरा पानी सड़कों पर फैल रहा है. वहीं ओवर फ्लो होकर दर्जनों घरों में भी पानी प्रवेश कर रहा है. यहां बचाव के लिए कई लोगों ने अपने स्तर से नाला ऊंचा करा दिया है, तो कई लोगों ने मिट्टी का ऊंचा बांध बना घरों में गंदे पानी के प्रवेश पर रोक लगाने का प्रयास किया है. कई जगह लोगों का सारा प्रयास विफल हुआ, तो उन्हें अपने घर को ऊंचा कराने पर मजबूर होना पड़ रहा है. गांधी पथ निवासी अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि नगर परिषद द्वारा नाला साफ नहीं कराये जाने से सालों भर नाला का गंदा पानी के घर में प्रवेश करने की परेशानी बनी रहती है. आवेदन-निवेदन का नप के अधिकारी या पार्षद पर कोई असर नहीं होता है. आने वाली बरसात को देखते उन्हें घर लिंटर से ऊपर तोड़, नीचे मिट्टी भरा कर घर ऊंचा कराना पड़ा है. वहीं रामदेव साह बताते हैं कि नाले का पानी सीधा उनके घर-आंगन में जाता है. बचाव के लिए डेढ़ फीट ऊंची मिट्टी का बांध बनाया है.

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