बादल छाते ही बढ़ी धड़कनें

उदासीनता. नाला सफाई कार्य से प्रति लापरवाह है नगर परिषद अपने दायित्वों से लापरवाह नगर परिषद की कुंभकर्णी निंद्रा बरसात को निकट देखकर भी नही खुल रही है. जबकि शहरवासियों की आकाश में बादल छाते ही दिल धड़कने लगता है कि फिर घराें से निकलना मुश्किल होगा, पूरा शहर जल जमाव की चपेट में है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2016 5:18 AM

उदासीनता. नाला सफाई कार्य से प्रति लापरवाह है नगर परिषद

अपने दायित्वों से लापरवाह नगर परिषद की कुंभकर्णी निंद्रा बरसात को निकट देखकर भी नही खुल रही है. जबकि शहरवासियों की आकाश में बादल छाते ही दिल धड़कने लगता है कि फिर घराें से निकलना मुश्किल होगा, पूरा शहर जल जमाव की चपेट में है.
सहरसा शहर : कोई ऐसा वार्ड नही जहां थोड़ी बारिश के बाद ही सड़कों पर पानी जमा ना हो जाय. इतना ही नही मुख्य सड़क पर भी जल जमाव से ग्रसित है. शहरवासी इस स्थिति की कल्पना से ही सिहर उठते है लेकिन हालत पूर्व की तरह ही बना हुआ है. शहर को जल जमाव से मुक्त कराने की बात तो कहता है लेकिन धरातल पर कोई भी कार्य नही हो रहा है. जबकि बरसात से पूर्व नाले आदि की सफाई पूरा करने का राज्य सरकार निर्देश दिया है.
नगर परिषद में 28 मई को सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के नेतृत्व में समीक्षात्मक बैठक की गयी थी जिसमें नाला सफाई आदि पर सांसद ने सख्त निर्देश दिया था. उस निर्देश को देखते हुए नगर परिषद द्वारा पूरब बाजार के नाले की सफाई कार्य किया गया तथा कचड़े को वही छोड़ दिया गया जिससे यह पुन: उसी नाले में जा रहा है.
वही गंगजला चौक के निकट डॉ रंजेश सिंह वाली सड़क् में बने नाले पर ढक्कन तक वर्षो से नही दिया गया है जिस कारण वक्त बेवक्त दुर्घटनाए आम हो गयी है. खुले नाले से उठने वाली गंध से स्थानीय लोगों का जीना तक मुहाल है. यही हालत पूरब बाजार स्थित नाले का है जहां कुछ दुकानदारों द्वारा अपने खर्च से ढक्कन लगा दिया है
लेकिन अधिकांश जगह नाले पर ढक्कन नही रहने से दुकानदारों व आमलोगों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा हे. नगर परिषद को आमलोगों की चिंता नही रह गयी है कमियों का रवैया भी किसी बड़े अधिकारी से कम नही है. ऐसे में शहरवासी इस बार भी उपर वाले के भरोसे ही शायद जीवन जी सकेंगे.

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