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चार ट्रैक, तीस ट्रेनों का दबाव

ट्रैक खाली होने का इंतजार. अन्य स्टेशनों पर खड़ी रहती है ट्रेन सहरसा-मानसी रेलखंड में इन दिनों पहले से उपलब्ध ट्रेनों सहित स्पेशल ट्रेनों का दबाव ट्रैकों की कमी को उजागर कर रहा है. स्थिति यह है कि रेलखंड की कई ट्रेनों को सहरसा-मानसी के बीच जहां-तहां रोक कर सहरसा में ट्रैक खाली होने का […]

ट्रैक खाली होने का इंतजार. अन्य स्टेशनों पर खड़ी रहती है ट्रेन

सहरसा-मानसी रेलखंड में इन दिनों पहले से उपलब्ध ट्रेनों सहित स्पेशल ट्रेनों का दबाव ट्रैकों की कमी को उजागर कर रहा है. स्थिति यह है कि रेलखंड की कई ट्रेनों को सहरसा-मानसी के बीच जहां-तहां रोक कर सहरसा में ट्रैक खाली होने का इंतजार किया जाता है. इससे ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों को परेशानी होती है. यात्रियों में ट्रैक बढ़ाने की मांग होने लगी है.
सिमरी नगर : पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत सहरसा-मानसी रेलखंड में इन दिनों पहले से उपलब्ध ट्रेनों सहित स्पेशल ट्रेनों का दबाव ट्रैकों की कमी को जगजाहिर कर रहा है. जिस वजह से रेलखंड की कई ट्रेनों को सहरसा-मानसी के बीच जहां-तहां रोक कर सहरसा मे ट्रैक खाली होने के इंतजार में रोका जाता है. जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
भाई, सहरसा में ट्रैक खाली नहीं..
इन दिनों सहरसा-मानसी रेलखंड पर यह जुमला काफी आम हो चुका है. हर रोज किसी ना किसी ट्रेन को किसी स्टेशन पर खड़ा कर दिया जाता है और जब यात्री ट्रेन के खड़े होने का कारण पूछते हैं तो जवाब मिलता है कि सहरसा मे ट्रैक खाली नहीं.
एक यात्री ने बताया कि बीते गुरुवार को 15284 जयनगर-सहरसा जानकी एक्सप्रेस को सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर सुबह दस बज कर 55 मिनट से ग्यारह बजकर 24 मिनट तक सहरसा में ट्रैक खाली होने के इंतजार में रोक दिया गया.
वहीं एक अन्य यात्री ने बताया बुधवार को सियालदह-सहरसा हाटे बाजारे एक्सप्रेस को सोनवर्षा कचहरी में सहरसा में ट्रैक खाली ना होने की वजह से खड़ा कर दिया गया. यात्रियों के मुताबिक ऐसे कई उदाहरण से यह रेलखंड भर चुका है. जिसकी वजह से सबसे ज्यादा परेशानी हम जैसे यात्रियों को होती है.
रेलखंड पर दिन भर एडजस्ट होती हैं ट्रेनें
एक अनुमान के मुताबिक, सहरसा-मानसी रेलखंड पर हर रोज अप और डाउन मिला कर लगभग तीस ट्रेनें चलती है. इसके साथ-साथ अब सहरसा-पूर्णिया रेलखंड की भी ट्रेनें सहरसा पहुंचती हैं जिस वजह से सहरसा स्टेशन पर दिन भर ट्रेनों का जबरदस्त दबाव बना रहता है और जिसकी वजह से कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों सहित सहरसा आउटर सिग्नल पर खड़ी कर दी जाती है. तब सहरसा ट्रैक पर खड़ी ट्रेन को वॉशिंग पिट की ओर शंटिंग में कर, खड़ी ट्रेन को सहरसा प्लेस करवाया जाता है. जिस वजह से यात्रियों के समय की बरबादी तो होती ही है. साथ-साथ ट्रेनें भी विलंब हो जाती है.
प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर बड़ी ब्राड गेज की मांग
रेल के जानकर कहते हैं कि वक्त अब आ गया है कि रेलवे सहरसा जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर तीन को भी बड़ी लाइन से जोड़ दें, जिससे कुछ हद तक ट्रेनों का दबाव सहरसा से कम होगा. लेकिन, तब तक रेलखंड के यात्रियों को इस परेशानी से दो-चार होना ही पड़ेगा. जानकर यह भी मानते हैं कि अभी फिलहाल एकाएक इससे मुक्ति पा लेना संभव नहीं, लेकिन अभी से यदि सोचा जाये तो भविष्य में दिक्कतें कुछ कम हो जायेंगी.
नयी ट्रेनों के साथ बढ़ेगा दबाव
मिली जानकारी के अनुसार, इसी महीने की 22 तारीख से पटना के लिए सहरसा से रात्रिकालीन ट्रेन की शुरुआत हो रही है. इसके साथ-साथ भविष्य में कई और ट्रेनों के सहरसा से चलने की बात हो रही है. जिसके बाद सहरसा पर ट्रेनों का दबाव और बढ़ेगा और इसके साथ साथ यात्रियों को परेशानी में भी इजाफा होगा. वहीं रेल से जुड़े जानकारों के मुताबिक भविष्य में राजधानी जैसी ट्रेनों के भी चलने की चर्चा है जिसके लिए रेलखंड अब तक तैयार भी नहीं दिख रहा.

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