राकेश हत्याकांड : हत्यारे तक पहुंचने में विफल साबित हो रही पुलिस

20 जून को हुई थी भरौली निवासी राकेश की हत्या शूटरों की मदद ली गयी थी हत्या में सहरसा : 20 जून की रात बाजार से गांव वापस जा रहे भरौली निवासी युवक राकेश सिंह की हत्या बाइक सवार अपराधियों ने गोली मार कर दी थी. जिसके बाद मृतक के शव को पोस्टमार्टम कर दूसरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2016 6:48 AM

20 जून को हुई थी भरौली निवासी राकेश की हत्या

शूटरों की मदद ली गयी थी हत्या में
सहरसा : 20 जून की रात बाजार से गांव वापस जा रहे भरौली निवासी युवक राकेश सिंह की हत्या बाइक सवार अपराधियों ने गोली मार कर दी थी. जिसके बाद मृतक के शव को पोस्टमार्टम कर दूसरे दिन परिजनों को सौंप दिया गया था. घटना वाली रात भी पुलिस अपराधियों को जल्द गिरफ्तार करने का दावा कर रही थी. लेकिन हत्याकांड को सात दिन बीत जाने के बाद भी कोई ठोस नतीजे पर सहरसा पुलिस नहीं पहुंच सकी है. घटना में अभी तक शंकर साह की गिरफ्तारी हो सकी है. जबकि प्राथमिक अभियुक्त आशुतोष सिंह कोर्ट में सरेंडर कर चुका है. इस कांड का सबसे महत्वपूर्ण पहलू हत्यारा शूटर पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है.
शूटर उगल सकता है राज: घटना के बाद शहर में एक सूत्रधार व उसकी मदद करने वाले दो शूटरों की चर्चा आम बनी हुई है. दोनों ही शूटर कुछ दिन पूर्व जेल से रिहा होकर आया है. इसके बावजूद पुलिस उन अपराधियों को पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. जबकि उन शूटरों के पास हत्याकांड से जुड़ी सभी सच्चाई मौजूद है. आखिर किसने और क्यों दी थी राकेश की सुपारी. इस प्रकार के संगीन मामलों में पुलिस की उदासीनता देख सामान्य मामलों का अंजाम कैसे होगा. इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
स्पीडी ट्रायल की है जरूरत
हत्या जैसे जघन्य कांडों में पुलिस को तत्परता दिखाने की जरूरत है. जिसके तहत गिरफ्तार अपराधियों को कानून में तय प्रावधानों के अनुसार मिल सके. जबकि पुलिस की सुस्ती के कारण अपराधी एक के बाद लगातार दूसरा अपराध करते रहते है. ज्ञात हो कि अपराधियों के गिरफ्तारी के लिए गठित टीम को मिशन पूरा करने से पहले दूसरे काम में लगा दिये जाने से अनुसंधान प्रभावित होती है. जिले के थाना में जरूरत से कम अधिकारियों की तैनाती भी परेशानी का सबब बन रही है.
दहशत में रहते हैं लोग:हत्या के बाद से सुलिंदाबाद की सड़क से शाम होते ही लोगों की आवाजाही कम हो जाती है. स्थानीय लोगों ने बताया कि शूटरों की गिरफ्तारी तक दहशत कायम रहेगा. ज्ञात हो कि संदिग्ध शूटरों द्वारा पूर्व में भी इस इलाके में कई बार छिनतयी, लूटपाट सहित कई संगीन कांडों को अंजाम दिया गया है. लोग दबी जुबान से यह भी कहते है कि शूटरों की तलाश में पुलिस भी खानापूर्ति ही कर रही है. जबकि ऐसे मामलों में सजगता की आवश्यकता है.

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