रस्सी के सहारे हो रहा ट्रैफिक कंट्रोल

खतरनाक. नहीं बना यातायात थाना, जैसे-तैसे चल रहा ट्रैफिक, हो सकता है हादसा यातायात थाना के लिए पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था प्रस्ताव सहरसा : यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जिला मुख्यालय में रस्सी के सहारे सड़को को दो भागों में बांट कर वन वे करने का प्रशासनिक फैसला खतरनाक साबित हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2016 8:17 AM
खतरनाक. नहीं बना यातायात थाना, जैसे-तैसे चल रहा ट्रैफिक, हो सकता है हादसा
यातायात थाना के लिए पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था प्रस्ताव
सहरसा : यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जिला मुख्यालय में रस्सी के सहारे सड़को को दो भागों में बांट कर वन वे करने का प्रशासनिक फैसला खतरनाक साबित हो रहा है. समय रहते यदि यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने का कोई ठोस उपाय नहीं किया गया, तो कब कौन सी अनहोनी हो जाये, कहना कठिन है. ज्ञात हो कि सदर थाना में हुई बैठक के बाद प्रशासन व पब्लिक के संयुक्त निर्णय के तहत यातायात पुलिस द्वारा डिवाइडर में रस्सी बांध सड़क को दो भागों में बांटा गया है. प्रमंडलीय मुख्यालय होने के कारण सुबह से शाम तक सड़कों पर वाहनों की कतार एवं लोगों की भीड़ लगी रहती है. अभी कुछ चौक-चौराहों पर डीएपी व होमगार्ड जवानों से यातायात नियंत्रित किया जाता है, जो नाकाफी साबित हो रहे हैं.
बन सकता है खतरनाक : जाम व यातायात नियंत्रण के लिये सड़कों पर लगाये गये डिवाइडर के सहारे रस्सी सुविधा देने के बदले असुविधा दे रहा है. वाहन के हल्के से ठोकर से डिवाइडर अपनी जगह से हट जाता है. इसके बाद वह रस्सी सड़क पर आ जाती है. जिसे देखने की फुर्सत किसी को नही है. जवान की कमी के कारण चेक पोस्ट पर ही जवान तैनात रहते हैं.
जिसे पोस्ट के अलावे इधर- उधर जाने की फुर्सत नहीं है. जो रास्ते में गिरे रस्सी को उठा सके. जिसमें फंस कर कई बाइक सवार जख्मी हो चुके हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि प्रशासन ने तो आनन-फानन में रस्सी लगवा दी. लेकिन सड़क के दोनों और की सड़क को दुकानदारों के अतिक्रमण से खाली नही करवाया गया.
भेजा गया है प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार, यातायात व्यवस्था को सुढृढ़ रखने के लिये थाना सृजन के सुझाव मांग एसपी को प्रस्ताव भेज यातायात सुचारू रखने के लिए इसे आवश्यक माना था. शहर की आबादी डेढ़ लाख है. प्रमंडलीय मुख्यालय होने के कारण सहरसा, सुपौल व मधेपुरा के लोगों का आना-जाना लगा रहता है. वहीं बड़ी रेल लाइन के सहरसा तक ही होने, सड़क की चौड़ाई कम होने, शहर के मध्य रेलवे लाइन होने के कारण शहर दो भागों में बंटा रहने व पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह से हमेशा जिला मुख्यालय में यातायात का दबाव बना रहता है.
इस कारण यातायात थाना आवश्यक है. यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए वर्तमान में शहर के तिवारी चौक, प्रशांत सिनेमा मोड़, गंगजला चौक, बंगाली बाजार, शंकर चौक, थाना चौक, दहलान चौक में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है. इसके अलावे कोसी चौक, तिरंगा चौक, पंचवटी चौक, कचहरी ढ़ाला, वीर कुंवर सिंह चौक, समाहरणालय, कहरा कुटी, महावीर चौक, चांदनी चौक, रिफ्यूजी चौक सहित अन्य जगहों पर पुलिस जवानों की तैनाती आवश्यक है.
ट्रैफिक पोस्ट का हो रहा है निर्माण
यातायात थाना में पुलिस पदाधिकारी सहित जवानों की तैनाती होगी. मिली जानकारी के अनुसार थाना में एक पुलिस निरीक्षक, एक अवर निरीक्षक, दस हवलदार, 40 सिपाही व आठ चालक सिपाही को पदस्थापित किया जाना था. लेकिन छह माह से अधिक प्रस्ताव भेजे जाने के बावजूद थाना स्थापना को लेकर कोई सुगबुगाहट शुरू नहीं हुई है. इससे जहां स्थानीय थाना पर भी भार कम होगा. वहीं यातायात व्यवस्था भी सुढृढ़ होगी. यातायात व्यवस्था को सुढृढ़ करने के लिए शहर के कई चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार लाखों की लागत से तात्कालीन विधायक डॉ आलोक रंजन की अनुशंसा पर शहर के शंकर चौक, रिफ्यूजी कॉलोनी में डूडा के तहत निर्माण शुरू है. वहीं समाहरणालय के सामने भी पोस्ट निर्माण का प्रस्ताव है.

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