तेज भाषण से मरीज परेशान

हड़ताल. साइलेंस जोन में लाउड स्पीकर से जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे सुरक्षा की मांग को लेकर डॉक्टर आइएमए के आह्वान पर बीती आधी रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इससे चिकित्सा सेवा बेपटरी हो गयी. सुबह से ही सदर अस्पताल के ओपीडी सेवा को पूरी तरह ठप कर दिया गया. जानकारी के अभाव में दूर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2016 7:36 AM

हड़ताल. साइलेंस जोन में लाउड स्पीकर से जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे

सुरक्षा की मांग को लेकर डॉक्टर आइएमए के आह्वान पर बीती आधी रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इससे चिकित्सा सेवा बेपटरी हो गयी. सुबह से ही सदर अस्पताल के ओपीडी सेवा को पूरी तरह ठप कर दिया गया. जानकारी के अभाव में दूर दराज से आने वाले मरीजों को लौटना पड़ा.
सहरसा : शहर के एक निजी चिकित्सक से दोबारा रंगदारी मांगे जाने की घटना का विरोध करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने नायाब तरीका अपनाया. साइलेंस जोन व अति संवेदनशील इलाके में आने वाले सदर अस्पताल परिसर में शनिवार की सुबह से इमरजेंसी यानी आपातकालीन कक्ष के ठीक पीछे पंडाल लगा व दो-दो लाउड स्पीकर लगा दिन भर जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगते रहे. लाउड स्पीकर से तेज आवाज में शहर के चर्चित डॉक्टरों की भाषणबाजी होती रही. जिससे विशेष परिस्थिति में इलाज के लिए यहां आने-वाले मरीजों को परेशानी हुई. स्थिति ऐसी बनी रही कि लाउड स्पीकर की तेज आवाज से इमरजेंसी में मरीजों की बात डॉक्टर को और डॉक्टर की बात मरीज को सुनने में भारी परेशानी हुई.
बाबू, स्पीकर की आवाज धड़कन बढ़ा देती है: डॉक्टरों की हड़ताल से सदर अस्पताल के इमरजेंसी, मेटरनिटी, ब्लडबैंक व ओपीडी को अलग रखा गया है. लिहाजा गंभीर बीमारियों से परेशान मरीजों का यहां आना लगा रहा. कोई अपने बीमार पिता को गोद में उठाये डॉक्टर से दिखाने की जद्दोजहद कर रहा था तो कोई अपने बीमार पति को पंखा झेल रही थी. शनिवार को भी इमरजेंसी वार्ड के सभी 15 बेड मरीजों से भरे रहे. जगह छोटी पड़ जाने पर कुछ जमीन पर भी लेट स्लाइन चढ़वाते रहे. कहरा गांव से आये सिकंदर साह का बीपी हाई हो गया था. जबकि सुपौल के कंजारा से आये चंदेश्वरी सरदार भी गंभीर बीमारी का इलाज करा रहे थे. इसी तरह लकवाग्रस्त सराही के सैनी दास बिस्तर पर बेसुध पड़े हैं.
चानन के रामाकांत चौधरी लंगी अवधि से बुखार से पीड़ित हैं. उन्हें घबराहट की भी बीमारी है. सलखुआ के भरतदेशम सहनी टीबी का इलाज करा रहे हैं. वहीं मदनपुर से दम्मा के मरीज रामप्रसाद दास भी इमरजेंसी के बेड पर हांफ रहे हैं. चपराम के 75 वर्षीय दान मुखिया भी पेट व छाती में अत्यधिक जलन से परेशान हैं. उन्हें ऑक्सीजन चढ़ाया जा रहा है. बरियाही की पप्पी कुमारी तीन दिनों से पेटदर्द से परेशान है. वह जमीन पर लेट स्लाइन चढ़वा रही है. सभी मरीज सहित उनके परिजनों ने कहा कि लाउड स्पीकर की तेज आवाज से उनकी बेचैनी और भी अधिक बढ़ जा रही है. धड़कन तेज हो जाती है.
लोगों ने कहा कि डॉक्टरों को अपना विरोध डीएम, एसपी या जो उनकी समस्या को चुनकर समाधान कर सकते हैं, उनके समक्ष करना चाहिए. अस्पताल परिसर में हो-हंगामा समझ से परे है. बीमार को और अधिक बीमार करने या उनकी जान लेने से उन्हें क्या फायदा होगा.
रोटी ही सहारा
भारतीय नगर वार्ड नंबर 26 निवासी मंजू देवी खुद व अपने दो बच्चे को दिखाने अस्पताल आयी थी. जांच व अन्य कार्यों में देरी होने का अंदाजा लगा साथ में रोटी व सब्जी भी लायी थी. ओपीडी खुलने के निर्धारित समय आठ बजे तक नहीं खुलने पर वह ओपीडी के सामने जमीन पर बैठ डॉक्टर के आने का इंतजार कर रही थी.
एक घंटे इंतजार के बाद बच्चे ने खाने की मांग की तो साथ में लायी नाश्ता दे दिया. बच्चे ने भी वहीं खाना शुरू कर दिया. पूछने पर बताया कि खुद व बच्चा सर्दी, खांसी व बुखार से पीड़ित है. सुबह घर से निकल कर अस्पताल आयी थी. यहां काफी इंतजार के बाद पता चला कि हड़ताल है.

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