आंध्रा की मछली से मिलेगी मुक्ति

खुशखबरी. दो हजार छोटे तालाब का हो रहा निर्माण, लगेगा चारा कारखाना मत्स्य पालन को लेकर प्रमंडल में विश्व बैंक की योजना का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है. जल्द ही यहां के लोगों को आंध्रप्रदेश व बंगाल की मछलियों से मुक्ति मिल जायेगी व मत्स्य प्रमंडल मछली उत्पादन में अव्वल होगा. सहरसा : वर्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2016 5:38 AM

खुशखबरी. दो हजार छोटे तालाब का हो रहा निर्माण, लगेगा चारा कारखाना

मत्स्य पालन को लेकर प्रमंडल में विश्व बैंक की योजना का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है. जल्द ही यहां के लोगों को आंध्रप्रदेश व बंगाल की मछलियों से मुक्ति मिल जायेगी व मत्स्य प्रमंडल मछली उत्पादन में अव्वल होगा.
सहरसा : वर्ष 2008 में कुसहा त्रासदी के बाद वर्ल्ड बैंक ने पीड़ितों की दशा सुधारने के लिए योजनाएं दी. जिसमें मत्स्य पालन मद में 32 करोड़ 72 लाख की राशि स्वीकृति दी. मत्स्य प्रमंडल सहरसा, मधेपुरा, अररिया, सुपौल व पूर्णिया में लक्ष्य निर्धारित किया गया व इस पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. जानकारी देते हुए मत्स्य उपनिदेशक पवन कुमार पासवान ने बताया कि मत्स्य उत्पादन को लेकर छोटे-छोटे मत्स्य पालकों को 90 प्रतिशत अनुदान देकर मत्स्य पालन के लिए बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है.
छोटे यूनिट के तहत पांच सौ वर्ग मीटर लगभग पांच कट्ठा के तालाब के लिए 50 हजार अनुदान दिया जा रहा है. दो हजार यूनिट तैयार किये जायेंगे तथा इन छोटे तालाब के माड़ पर आत्मा द्वारा पौधरोपण किया जायेगा. उन्नत मत्स्य बीज कम लागत में पालकों को उपलब्ध कराने के लिए 16 लाख की लागत से पांच हेचरी का निर्माण किया जायेगा. 90 प्रतिशत अनुदान हेचरी लगाने वालों को दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि मछली के भोजन की व्यवस्था के लिए दो मैट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता वाले 40 फिस फीड मील 15 लाख के लागत से लगाये जायेंगे. जिसमें 90 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा.
सभी मत्स्य पालकों को 90 प्रतिशत दिया जा रहा
अनुदान, वाहनों की जारी है व्यवस्था
मत्स्य उपनिदेशक पवन कुमार पासवान ने बताया कि मत्स्य पालकों के तैयार मछली को बाजार उपलब्ध कराने को लेकर भी व्यवस्था की गयी है. जिसके तहत 40 हजार रुपये तक के मोपड़, आठ लाख तक के चार चक्का वाहन व 12 लाख तक के रेफ्रीजेटेड भान पर 90 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा. इसके साथ ही झिंगा पालकों 1.80 लाख प्रति यूनिट अनुदान दिया जायेगा. आइस प्लांट के लिए 40 लाख प्रति यूनिट का 90 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा.
उन्होंने बताया कि मत्स्य पालकों को इसके लिए प्रशिक्षण देश के विभिन्न क्षेत्रों में दिया जा रहा है.
प्रथम बैच प्रशिक्षण पूरा हो चुका है. दूसरा बैच प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है तथा इच्छुक आवेदन कर सकते है. उन्होंने बताया कि मत्स्य उन्नत बीज दो रूपया प्रतिपीस की दर पर 50 प्रतिशत अनुदान पर दिया जा रहा है. लाभुकों को अधिकतम पांच हजार जीरा ही दिया जायेगा. वहीं उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे मत्स्य कार्यक्रम के तहत नया तालाब बनाने वाले किसानों को प्रति यूनिट 6.97 लाख पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा व मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के अंतर्गत आद्र भूमि में तालाब निर्माण के लिए प्रति यूनिट 3.88 लाख पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है.
मत्स्य उपनिदेशक पवन कुमार पासवान ने बताया कि मत्स्य पालकों के तैयार मछली को बाजार उपलब्ध कराने को लेकर भी व्यवस्था की गयी है. जिसके तहत 40 हजार रुपये तक के मोपड़, आठ लाख तक के चार चक्का वाहन व 12 लाख तक के रेफ्रीजेटेड भान पर 90 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा. इसके साथ ही झिंगा पालकों 1.80 लाख प्रति यूनिट अनुदान दिया जायेगा. आइस प्लांट के लिए 40 लाख प्रति यूनिट का 90 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि मत्स्य पालकों को इसके लिए प्रशिक्षण देश के विभिन्न क्षेत्रों में दिया जा रहा है.
प्रथम बैच प्रशिक्षण पूरा हो चुका है. दूसरा बैच प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है
तथा इच्छुक आवेदन कर सकते है. उन्होंने बताया कि मत्स्य उन्नत बीज दो रूपया प्रतिपीस की दर पर 50 प्रतिशत अनुदान पर दिया जा रहा है. लाभुकों को अधिकतम पांच हजार जीरा ही दिया जायेगा. वहीं उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे मत्स्य कार्यक्रम के तहत नया तालाब बनाने वाले किसानों को प्रति यूनिट 6.97 लाख पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा व मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के अंतर्गत आद्र भूमि में तालाब निर्माण के लिए प्रति यूनिट 3.88 लाख पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है.
प्रथम बैच प्रशिक्षण पूरा हो चुका है
मत्स्य उन्नत बीज दो रुपया प्रतिपीस की दर पर 50 प्रतिशत अनुदान पर दिया
जा रहा है
तालाब बनाने वाले किसानों को प्रति यूनिट 6.97 लाख पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा

Next Article

Exit mobile version