वेतन भुगतान को ले सफाई कर्मियों ने किया हंगामा

सहरसा : दशहरा जैसे पर्व में भी वेतन से वंचित नगर परिषद के सफाई कर्मचारी ने अपने दो महीने के लंबित भुगतान की मांग को लेकर बुधवार को नगर परिषद कार्यालय में काम काज ठप कर हंगामा किया. सफाई कर्मियों ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी व सभापति राजू महतो को करीब दो घंटे तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2016 4:48 AM

सहरसा : दशहरा जैसे पर्व में भी वेतन से वंचित नगर परिषद के सफाई कर्मचारी ने अपने दो महीने के लंबित भुगतान की मांग को लेकर बुधवार को नगर परिषद कार्यालय में काम काज ठप कर हंगामा किया. सफाई कर्मियों ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी व सभापति राजू महतो को करीब दो घंटे तक कार्यालय परिसर में घेर कर बंधक बनाया रखा. दुर्गापूजा जैसे पर्व में सफाई कर्मियों को वेतन नहीं दिये जाने के विरोध में सौ से ज्यादा सफाई कर्मियों ने नगर परिषद कार्यालय में विरोध जताया.

कार्यालय परिसर के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया. कार्यपालक पदाधिकारी व सभापति को बंधक बनाये जाने के बाद सफाई कर्मियों ने कहा कि जब तक डीएम व कमिश्नर नहीं आ जाते हैं व उनकी मांगों को मान नहीं लिया जाता है, तब तक अधिकारियों को मुक्त नहीं किया जायेगा. सफाई कर्मचारी संघ के नेता विशुनदेव वाल्मिकी के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन व घेराव कार्यक्रम में सफाई कर्मियों के बीच घिर जाने के बाद कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश राम ने सफाई कर्मियों के मूड को देख कहा कि सफाई कर्मियों के वेतन मद में नगर परिषद के पास फिलहाल कोई राशि नहीं है. वेतन भुगतान की मांग को देखते हुए अन्य मद की राशि से गुरुवार तक सभी 286 दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मियों को दो महीनों का भुगतान कर दिया जायेगा.

काफी मान मनौव्वल के बाद सभापति व कार्यपालक पदाधिकारी को सफाई कर्मी मुक्त करने पर राजी हुए. सफाई कर्मियों ने धमकी भरे लहजे में कहा कि यदि गुरुवार तक वेतन भुगतान नहीं किया गया तो अगले ही दिन से कामकाज को ठप कर दिया जायेगा. संघ के नेता विशुनदेव वाल्मिकी ने कहा कि इससे पूर्व भी सफाई कर्मियों की कई लंबित मांगों को पूरा करने में कार्यपालक पदाधिकारी से मिले आश्वासन के बावजूद मांगों को पूरा नहीं किया गया. कहा कि सफाई कर्मियों को वर्दी दिये जाने की बात थी, जो आज तक नहीं दी गयी है. वहीं अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की आस में कई परिवार प्रतीक्षारत हैं.

कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद 240 दिन दैनिक भोगी वेतन के रूप में कार्य चुके सफाई कर्मियों को स्थायी नियुक्ति की मांग भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है. बताया कि फिलहाल मात्र नौ स्थायी सफाई कर्मी ही नगर परिषद में कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि यदि दैनिक वेतन भोगी कर्मी एक दिन भी काम बाधित कर दें तो शहर से एक भी कचरा का ढ़ेर उठ नहीं पायेगा.

फिर भी सफाई कर्मियों के प्रति उनकी लंबित मांगों को लेकर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी भेदभाव की नीति अपनाये हुए हैं. कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि सफाई कर्मियों को वरदी दिये जाने के लिए जल्द ही निविदा की प्रक्रिया पूरी कर सभी कर्मियों को वरदी उपलब्ध करवा दी जायेगी. अन्य मांगों को लेकर भी उन्होंने नियम संबंध कार्रवाई किये जाने का आश्वासन दिया.

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