राशि खत्म होने के बाद सुनसान पड़ा डाकघर व पैसे आने के इंतजार में लोग.
Advertisement
एक बजे ही खत्म हो गये प्रधान डाकघर के पैसे
राशि खत्म होने के बाद सुनसान पड़ा डाकघर व पैसे आने के इंतजार में लोग. कतार में खड़े लोगों को नहीं हो सका भुगतान, होते-होते रह गया हंगामा डाकपाल ने कहा, मांगने के बाद भी बैंक ने नहीं दिये पैसे सहरसा : ..और निरस्त किये गये रुपये बदलने व खातों से भुगतान करने के कुछ […]
कतार में खड़े लोगों को नहीं हो सका भुगतान, होते-होते रह गया हंगामा
डाकपाल ने कहा, मांगने के बाद भी बैंक ने नहीं दिये पैसे
सहरसा : ..और निरस्त किये गये रुपये बदलने व खातों से भुगतान करने के कुछ ही घंटों बाद प्रधान डाकघर के सारे रुपये समाप्त हो गये. डाकघर खुलने से पहले से ही लंबी कतार में खड़े उपभोक्ताओं को खाली हाथ लौटना पड़ा. डाककर्मी के पैसे खत्म होने की बात कहने पर कतार के लोगों ने हंगामा मचाना शुरू किया. लेकिन डाक अधिकारी व अन्य सुरक्षा कर्मियों के प्रयास से उन्हें समझा लिया गया. लेकिन पैसे नहीं निकल पाने से उनकी आर्थिक परेशानी बनी रह गई.
मात्र 13 लाख रुपये का हुआ भुगतान
प्रधान डाकघर के डाकपाल आरएम शर्मा ने बताया कि मंगलवार को पोस्ट ऑफिस से दिन के एक बजे तक मात्र 13 लाख रुपये का विनिमय एवं भुगतान किया जा सका. यह रकम भी सोमवार का ही बचा हुआ था. उन्होंने बताया कि सोमवार को ही एसबीआइ के चीफ मैनेजर से डेढ़ करोड़ रुपये की मांग की थी. इसके विरुद्ध उन्होंने मात्र 50 लाख रुपये देने की बात बतायी थी. लेकिन वह रकम भी मंगलवार तक डाकघर को उपलब्ध नहीं कराया गया. इस कारण पिछले पैसे के समाप्त होने के बाद लेन-देन ठप हो गया. उन्होंने कहा कि बैंक से रकम मिलने के बाद ही वे उपभोक्ताओं को भुगतान अथवा पुराने नोट की बदली कर पायेंगे. डाकपाल श्री शर्मा ने कहा कि अब तक जिले में किसी भी बैंक से अधिक पुराने रुपये का एक्सचेंज पोस्ट ऑफिस से ही हुआ है. उपभोक्ताओं के खातों से भी अच्छी खासी रकम भुगतान की गयी है. बावजूद पोस्ट ऑफिस के प्रति बैंक का सहयोगात्मक रुख नहीं रहता है.
तीन जिले, 48 सब व 600 ब्रांच डाकघर
डाकपाल आरएम शर्मा ने कहा कि सहरसा, मधेपुरा व सुपौल तीनों जिलों में 48 सब डाकघर के अलावे 600 ब्रांच डाकघर भी हैं. जहां वित्तीय कारोबार के लिए राशि इसी प्रधान डाकघर से उपलब्ध करायी जाती है. इन सभी डाकघरों के लिए एसबीआइ के आरएम से डेढ़ करोड़ रुपये की मांग की गयी थी. लेकिन उनके द्वारा 50 लाख देने की बात कही गयी. जो इन सभी डाकघरों में एक दिन के लिए भी नाकाफी है. उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा अक्सर पोस्ट ऑफिस के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है. जिससे डाकघर व डाककर्मियों को उपभोक्ताओं के कोप का शिकार होना पड़ता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement