फरकिया में एसटीएफ के द्वारा किये गये ऑपरेशन का समस्तीपुर से जुड़ा है तार

एसटीएफ मुठभेड़ के दौरान चिड़ैया में उपस्थित एक शातिर अपराधी का फोटो हुआ वायरल सिमरी बख्तियारपुर : सहरसा-खगड़िया जिले के सीमा क्षेत्र में अवस्थित चिड़ैया ओपी के बैलाही गांव में शुक्रवार अहले सुबह पटना से आये एसटीएफ द्वारा किये गये ऑपरेशन पर सवालिया निशान उठने लगा है. घटना के सोशल मीडिया पर वायरल फोटो में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2016 6:13 AM

एसटीएफ मुठभेड़ के दौरान चिड़ैया में उपस्थित एक शातिर अपराधी का फोटो हुआ वायरल

सिमरी बख्तियारपुर : सहरसा-खगड़िया जिले के सीमा क्षेत्र में अवस्थित चिड़ैया ओपी के बैलाही गांव में शुक्रवार अहले सुबह पटना से आये एसटीएफ द्वारा किये गये ऑपरेशन पर सवालिया निशान उठने लगा है. घटना के सोशल मीडिया पर वायरल फोटो में एक शातिर का फोटो एसटीएफ टीम के बीच चर्चा का विषय बन गया है. वहीं दियारा क्षेत्र में पहली बार एसटीएफ जवान की इतने बड़े मात्रा में यूं चुपचाप पहुंचने में भी इस व्यक्ति का हाथ बताया जा रहा है. हलांकि, इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद भी रामानंद पहलवान का बच निकलना हर जगह चर्चा का विषय बना है.
समस्तीपुर से जुड़ रहा है चिड़ैया का तार: विश्वसनीय सूत्र बताते है कि जैसा पुराना इतिहास बताता है कि पुलिस हर वक्त दो कुख्यातों के बीच की लड़ाई को हथियार बना कर एक का सफाया करती है और यही योजना बीते शुक्रवार के ऑपरेशन का नतीजा भी बना. ग्रामीणों के मुताबिक समस्तीपुर जिले के एक आपराधिक छवि के जनप्रतिनिधि को पूरे मामले का सूत्रधार बताया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, रामानंद यादव के दुश्मन को अपना बनाते हुए आग में घी डालने का काम एसटीएफ ने समस्तीपुर के जनप्रतिनिधि को मोहरा बना शुक्रवार के ऑपरेशन को अंजाम दिया. एसटीएफ के शुक्रवार के ऑपरेशन में भी उस व्यक्ति की मौजूदगी की तसवीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जो उपरोक्त बातों का पुख्ता समर्थन करती है. वहीं सूत्र बताते है कि रामानंद गिरोह का अंत करने के उद्देश्य से इतनी बड़ी संख्या में एसटीएफ के जवानों के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था.
हमदर्द बना रामानंद पहलवान : कालांतर से कोशी दियारा क्षेत्र में रामानंद पहलवान कई बार पुलिस का हमदर्द बन साथ दे चुका है. चाहे वह चिड़ैया ओपी को नक्सलियों द्वारा लूटने की धमकी हो या फिर सैप जवान अर्जुन सिंह की हत्या के समय हुए नक्सली व पुलिस मुठभेड़ का समय, उस वक्त पर अगर रामानंद गिरोह का साथ पुलिस नहीं लेती, तो अनहोनी हो सकती थी. रामानंद पहलवान का साथ लेकर पुलिस ने नक्सलियों के बढ़ते कदम पर रोक लगायी.
नक्सलियों के खिलाफ रामानंद ने दिया था पुलिस का साथ
चढ़ेगा लाल झंडा!
दियारा क्षेत्र की भौगोलिक संरचना व यातायात विहीन दियारा के फरकिया क्षेत्र के कारण जानकारों का मानना है कि अगर रामानंद गिरोह का सफाया पुलिस कर देती है, तो फिर एक बार इस इलाके में लाल आतंक का साया मंडराने लगेगा जो पुलिस के लिए सिरदर्द ही नहीं, मुसीबत बन जायेगा. वहीं दियारा क्षेत्र के कुछ भू-स्वामियों के लिए तो यह काल साबित होगा और क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले जल, जलकर व जमीन पर लाल झंडा लहराने लगेगा.

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