पांच वर्ष बाद भी महिला व्यवसायी सहनी देवी को नहीं मिला इंसाफ
सहरसा : 12 अगस्त 2012 को सदर थाना क्षेत्र के मसोमात पोखर के समीप महिला व्यवसायी सहनी देवी की हत्या अपराधियों ने कर दी थी. कृष्णाष्टमी मेले के मौके पर हुई हत्या का खुलासा दूसरे दिन हो सका था. शहर में करोड़ों रुपये के संपत्ति की मालिकन सहनी देवी पति सरदार गिरधारी सिंह की मृत्यु […]
सहरसा : 12 अगस्त 2012 को सदर थाना क्षेत्र के मसोमात पोखर के समीप महिला व्यवसायी सहनी देवी की हत्या अपराधियों ने कर दी थी. कृष्णाष्टमी मेले के मौके पर हुई हत्या का खुलासा दूसरे दिन हो सका था. शहर में करोड़ों रुपये के संपत्ति की मालिकन सहनी देवी पति सरदार गिरधारी सिंह की मृत्यु के बाद अकेली रह रही थी.
उस वक्त मृतका के दूर के रिश्तेदार रोमी सिंह के आवेदन पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. उस वक्त पुलिस पूरे तामझाम में हत्यारे को गिरफ्तार करने का दावा कर रही थी. लेकिन इसी बीच मृतका सहनी देवी की संपत्ति को हड़पने व कब्जा करने का खेल भी जारी था. वर्तमान में सहनी देवी के बनगांव रोड स्थित आवास व पुरानी जेल की जमीन पर दूसरे लोगों का कब्जा हो चुका है. उन जगहों पर बड़ी इमारतें व शो रूम खुल चुके हैं.
दबंगों का है कब्जा
फिलवक्त सहनी देवी की संपत्ति पर शहर के कई लोगों ने फर्जी तरीके से कब्जा कर लिया है. जबकि मृतका का कोई वारिस नहीं था. शहर में इस बात की चर्चा हो रही है कि आखिर कौन लोग है जो जिसने सहनी देवी की जमीन व मकान को बेच दिया है. ज्ञात हो कि शहर के मध्य स्थित उन जमीनों की कीमत वर्तमान में करोड़ों रुपये की है. जिस पर दबंग प्रवृति के लोगों ने कब्जा जमा लिया है.
संपत्ति के लोभ में सहनी की हुई थी हत्या
महिला सहनी देवी की हत्या उसकी संपत्ति के लोभ में हुई थी. ज्ञात हो कि महिला के पास मसोमात पोखर व पुरानी जेल के समीप करोड़ों रुपये की संपत्ति थी. जिसे महिला की मौत के बाद शहर के दबंग लोगों ने फर्जी तरीके से अपने नाम करवा लिया है. इसके बावजूद जमीन का फर्जीवाड़ा करने वालों पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गयी है.
पुन: अनुसंधान में हो सकता है खुलासा
सहनी देवी हत्याकांड के पुन: अनुसंधान से मामले का खुलासा अब भी संभव है. यह सर्वविदित है कि संपत्ति के लोभ में सहनी देवी की हत्या करने की साजिश रची गयी थी. हालांकि पुलिस द्वारा कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. लेकिन सभी आरोपी जमानत पर बाहर हो चुके हैं. महिला व्यवसायी हत्याकांड का पटाक्षेप नहीं होना स्थानीय प्रशासन के रवैये को भी संदिग्ध बना रहा है.