सरकार ने मेडिकल कॉलेज से वापस लिया एनओसी

लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज पर संकट गहरा गया है. सरकार ने कॉलेज का अनिवार्यता प्रमाण पत्र वापस ले लिया है. हालांकि यहां के छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहेगा. सहरसा : लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज का अनिवार्यता प्रमाण पत्र सरकार ने वापस ले लिया है. मालूम हो इस अनिवार्यता प्रमाण पत्र को एनओसी भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2016 6:15 AM

लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज पर संकट गहरा गया है. सरकार ने कॉलेज का अनिवार्यता प्रमाण पत्र वापस ले लिया है. हालांकि यहां के छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहेगा.

सहरसा : लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज का अनिवार्यता प्रमाण पत्र सरकार ने वापस ले लिया है. मालूम हो इस अनिवार्यता प्रमाण पत्र को एनओसी भी कहा जाता है. पटना हाइकोर्ट में चल रहे याचिका के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी देते हुए उक्त बातें कहीं.
न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी की एकल पीठ के समक्ष लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल समेत व अन्य के मामलों पर एमबीबीएस के छात्रों का अन्य मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरण की बात कही गयी है. याचिकाकर्ताओं के वरीय अधिवक्ता वाइवी गिरी ने बताया कि उक्त मामले में आगे की सुनवाई सोमवार को भी होगी.
डॉ पीके सिंह कहते है कि एमसीआइ ने कोई निर्धारित अर्हता पर फोकस करते हुए मेडिकल कॉलेज को तय समय में उसे पूरा करने को नहीं कहा. मैं शिक्षा माफिया के चंगुल में फंसा हुआ है. उन्होंने कहा कि मेरे अस्पताल की क्षमता 470 बेडों की है, जबकि निर्धारित अर्हता मात्र 350 बेड ही है. इसके साथ ही 20 एकड़ का मेरा कैंपस एरिया भी है. मैं सारी चुनौतियां का सामना करूंगा और मेडिकल कॉलेज के हित में सुप्रीम कोर्ट तक जाउंगा. उधर लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वर्तमान संकट पर राय देते हुए डॉ विजय शंकर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से काफी उम्मीदें थी. सरकार इसके हित में सोचे.
डॉ वृजेंद्र देव ने कहा कि मेडिकल कॉलेज का इस क्षेत्र में होना गौरव की बात है. सरकार को चाहिए कि इसका सरकारीकरण करे जिससे छात्र एवं आम मरीज दोनों का भविष्य सुरक्षित रहे. डॉ व्रजेश सिंह ने इसे कोसी जैसे पिछड़े इलाके में मरीजों के लिए वरदान बतलाया और कहा कि मेडिकल कॉलेज से शिक्षा एवं आर्थिक दोनों ही हित सुरक्षित रहते हैं.
साथ ही स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से मेडिकल कॉलेजों में असाध्य बीमारियों का सहज उपचार भी संभव है. मेडिकल कॉलेज में छात्रों को शिक्षा देने वाले डॉ यूसी मिश्रा ने कहा कि कॉलेज पर संकट होना भविष्य के लिए अच्छा मैसेज नहीं है. इसका बेहतर संचालन हो सके इसके लिए सामूहिक रूप से सोचें. इसके साथ ही इसको शीघ्र संमबद्धता प्राप्त हो सके, इसके लिए भी जरूरी कदम उठाया जाय.

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