अब इतिहास में दर्ज होगी मीटरगेज की ट्रेन
छोटी रेल लाइन पर 15 दिसंबर से एक वर्ष के लिए रेलवे लेगा मेगा ब्लॉक 27 किलोमीटर बिछेगी बड़ी रेल लाइन जीएम की बैठक में 11 को लिया जायेगा अंतिम निर्णय सहरसा : सहरसा-सुपौल रेलखंड पर छोटी रेल लाइन से सफर करना अब आने वाले दिनों में इतिहास की बात होगी. रेलवे द्वारा आमान परिवर्तन […]
छोटी रेल लाइन पर 15 दिसंबर से एक वर्ष के लिए रेलवे लेगा मेगा ब्लॉक
27 किलोमीटर बिछेगी बड़ी रेल लाइन
जीएम की बैठक में 11 को लिया जायेगा अंतिम निर्णय
सहरसा : सहरसा-सुपौल रेलखंड पर छोटी रेल लाइन से सफर करना अब आने वाले दिनों में इतिहास की बात होगी. रेलवे द्वारा आमान परिवर्तन कार्य के लिए आगामी 15 दिसंबर से इस खंड पर मेगा ब्लॉक लेने का निर्णय लिया है. जिसके बाद इस रेलखंड पर सफर करनेवाले यात्रियों की परेशानी बढ़ने वाली है. हालांकि अभी मंडल प्रशासन के निर्णय को मुख्यालय ने हरी झंडी नहीं दी है. लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने काम शुरू करने की तैयारी कर ली है.
ताकि मुख्यालय की हरी झंडी मिलते ही आमान परिवर्तन का काम शुरू किया जा सके. सीनियर डीसीएम बीरेंद्र कुमार ने बताया कि 15 दिसंबर से मेगा ब्लॉक संभावित है. 11 दिसंबर को जीएम की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि 27 किलोमीटर लंबे इस खंड के आमान परिवर्तन के लिए एक वर्ष का मेगा ब्लॉक लिया जायेगा. समय सीमा के अंदर काम को पूरा किया जा सके, इसके लिए रेलवे ने तैयारी कर ली है.
यात्री सुविधा में होगी बढ़ोतरी : मीडिया प्रभारी सह सीनियर डीसीएम बीरेंद्र कुमार ने कहा कि इस खंड के सहरसा-सुपौल आमान परिवर्तन के बाद यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी. इस खंड पर कुछ नये एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन किया जायेगा. यात्री कम समय में अपने गंतव्य को पहुंच पायेंगे. अभी छोटी लाइन होने के कारण यात्रियों को दिक्कत होती है. ट्रेनों की स्पीड भी कम होती है, जिससे यात्री को अपने गंतव्य तक जाने में अधिक समय लगता है. वहीं रेलवे ट्रैक की ऊंचाई भी करीब तीन फीट तक बढ़ जायेगी. इससे बाढ़ के दौरान रेलवे ट्रैक को नुकसान नहीं पहुंचेगा.
सर्वे का कार्य पूरा : सहरसा-थरबिटिया छोटी रेललाइन को बड़ी रेललाइन में तब्दील करने के लिए मेगा ब्लॉक लेने से पूर्व सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है. बीते आठ अक्टूबर को बेगूसराय की जेके कंपनी के कर्मियों ने रेलखंड की मापी शुरू की थी. रेलखंड की मापी होते देखने के बाद ही लोगों के बीच उत्सुकता बढ़ गयी थी. मालूम हो कि मानसी-सहरसा व मधेपुरा बड़ी रेललाइन बनने के बाद सिर्फ सहरसा-थरबिटिया रेललाइन में ही मीटरगेज की ट्रेन चलती है.
छोटी रेललाइन बनेगा सपना :सहरसा-थरबिटिया रेललाइन के बड़ी रेललाइन में तब्दील होने के बाद वर्षो से चली आ रही छोटी रेललाइन की ट्रेन इतिहास के पन्नों में सिमट जायेगी. कुछ दिन बाद लोगों को अपने अगली पीढ़ी को कहानी के रूप में छोटी लाइन के बारे में बताना होगा. मालूम हो कि वर्ष 2005 में मानसी से सहरसा बड़ी रेललाइन के चालू होने के बाद देश की पहली गरीब रथ ट्रेन सहरसा से शुरू हुई. इसके अलावे सहरसा-आदर्शनगर दिल्ली पुरबिया एक्सप्रेस,
सहरसा-अमृतसर जनसेवा व जनसाधारण एक्सप्रेस, जानकी एक्सप्रेस, राजधानी के लिए कोसी एक्सप्रेस, राज्यरानी एक्सप्रेस, रात्रिकालीन ट्रेन जनहित एक्सप्रेस सहित सहरसा-पूर्णिया के बीच कई पैसेंजर ट्रेन चली. हालांकि लोगों में एक भय भी सताने लगा है कि कहीं कोसी, जानकी की तरह अन्य ट्रेन को भी ना सुपौल बनने के बाद विस्तारित कर दिया जाय. लोगों ने कहा कि ट्रेन विस्तारित करने के अलावे नयी ट्रेन की सौगात मिले.
15 दिसंबर के बाद नहीं दिखेगी मीटर गेज की ट्रेन.
मीटरगेज से मिलेगी मुक्ति
वर्तमान में थरबिटिया भाया सुपौल जाने के लिए लोगों को मीटरगेज की ट्रेन से यात्रा करनी पड़ती है. जो काफी असुविधाजनक है. यात्रियों को बैठने तक के लिए विशेष व्यवस्था नहीं है. वहीं प्रतिदिन हजारों लोग प्रमंडलीय मुख्यालय होने के कारण आते-जाते हैं. वहीं ट्रेन में रौशनी व पंखा की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. रेल सूत्रों के अनुसार जल्द ही इस समस्या से यात्रियों को मुक्ति मिलेगी. जिसके लिए बड़ी रेललाइन की पटरी छोटी रेललाइन के बगल में गिरा दी गयी है. वहीं पुराना व जर्जर छोटी लाइन की बोगियों को हटाया जा रहा है.
पांच प्लेटफाॅर्मों का होगा निर्माण
बड़ी रेललाइन के सुपौल तक विस्तारित होने से पूर्व स्टेशन पर तीन अन्य प्लेटफार्म का निर्माण होगा. वर्तमान में बड़ी रेललाइन के लिए मात्र दो प्लेटफार्म हैं. वहीं कई ट्रेन के सहरसा से खुलने के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ता है. मेगा ब्लाक के बाद तीन नये प्लेटफार्म बनने के बाद समस्या में कमी आने की संभावना है. इसके अलावे यार्ड का भी विस्तार किया जायेगा.