आइये, कड़ी को करें मजबूत

सहरसा : आइये, सब मिल शराबबंदी के समर्थन में बन रहे मानव शृंखला में शामिल हो उसकी कड़ी को मजबूत करें. सामाजिक परिवर्तन के बन रहे इतिहास में अपनी भूमिका निभायें. अब तक के सबसे बड़े मानव शृंखला में शामिल हो बिहार के ऐतिहासिक गौरव को बढ़ायें और राज्य की अस्मिता की रक्षा का संकल्प […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2017 9:20 AM
सहरसा : आइये, सब मिल शराबबंदी के समर्थन में बन रहे मानव शृंखला में शामिल हो उसकी कड़ी को मजबूत करें. सामाजिक परिवर्तन के बन रहे इतिहास में अपनी भूमिका निभायें. अब तक के सबसे बड़े मानव शृंखला में शामिल हो बिहार के ऐतिहासिक गौरव को बढ़ायें और राज्य की अस्मिता की रक्षा का संकल्प लें. मानव शृंखला निर्माण को लेकर संपूर्ण राज्य में किसी त्योहार की तरह उमंग व उत्साह परवान पर है. बच्चे-बूढ़े, महिला-पुरुष सब इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने को उत्सुक हैं.
बन गया घर-घर का कार्यक्रम
पूर्ण शराबबंदी के समर्थन में सरकार द्वारा मानव शृंखला बनाने के लिए गये निर्णय के बाद पहले यह दल विशेष का अभियान बना. फिर सभी राजनैतिक पार्टियों ने इसे राज्यहित में मान समर्थन देने की घोषणा की. उसके बाद यह सामाजिक अभियान बन गया. घर-घर के लोगों ने इसे समाज की खुशहाली का अभियान मान शामिल होने की सहर्ष स्वीकृति दी.
शहर से लेकर गांव तक लोग एक-दूसरे को मानव शृंखला में शामिल होने के लिए जागरूक करने लगे. इधर जिला प्रशासन ने भी अभियान की सफलता में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. सभी संगठनों के साथ बैठक कर शृंखला में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का न्योता दिया. डीएम ने लोगों से स्पष्ट कहा कि शृंखला निर्माण भले ही सीएम द्वारा तय कार्यक्रम है. लेकिन यह सरकारी नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का कार्यक्रम है. यह राज्य की अस्मिता, गौरवशाली अतीत व समृद्धि से जुड़ा है.
सरकार के निर्णय पर समाज की मुहर: शनिवार को अब तक बने सभी शृंखलाओं से बड़े मानव शृंखला के निर्माण के लिए सरकारी व गैरसरकारी तंत्र शुक्रवार को अंतिम समय तक जुटा रहा.
शिक्षक-शिक्षकाएं घर-घर, दुकान दर दुकान जा लोगों से संपर्क करते रहे. उन्हें परिवार के सभी सदस्यों के साथ आधा घंटा का समय शराबबंदी के समर्थन में देने के लिए जागरूक करते रहे. विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठन से जुड़े लोग भी घर-घर संपर्क कर अभियान में निश्चित भागीदारी देने की अपील करते रहे. लोगों से यही कहा जाता रहा कि सरकार ने शराबबंदी तो कर दी है. इसे सामाजिक स्तर पर मजबूती देने के लिए अपनी एकता के प्रदर्शन के लिए शृंखला में शामिल होना जरूरी है. सरकार के निर्णय पर यह सामाजिक मुहर होगी.

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