92वीं बाबा गणिनाथ गोविंद जयंती समारोह 30 से
92वीं बाबा गणिनाथ गोविंद जयंती समारोह 30 से
दो दिवसीय जयंती पर निकलेगी भव्य शोभा यात्रा सहरसा. अखिल भारतीय मध्य देशीय वैश्य समाज द्वारा लोक देवता बाबा गणिनाथ गोविंद की दो दिवसीय 92वीं जयंती समारोह 30 व 31 अगस्त को धूमधाम से आयोजित की जा रही है. दो दिवसीय समारोह में कोसी क्षेत्र के विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में मध्य देशीय वैश्य समाज सहित भक्तगण भाग लेंगे. 30 अगस्त को बाबा गणिनाथ जयंती पर शोभा यात्रा सुपर बाजार स्थित कला भवन से निकलकर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए वाहनों के काफिला व श्रद्धालुओं के संग बलहाडीह स्थित गणिनाथ गोविंद धाम पहुंचकर धर्म सभा में तब्दील हो जायेगी. इसके बाद बाबा के जीवन पर आधारित 24 घंटे का जागरण, भजन-कीर्तन, अनुष्ठान एवं प्रवचन के साथ 31 अगस्त को हवन, संध्या वंदना के साथ संपन्न होगा. वहीं आगंतुक भक्तों के स्वागत व श्रद्धालुओं के लिए भोजन महाप्रसाद की व्यवस्था की गयी है. जयंती की सफलता के लिए बाबा गणिनाथ गोविंदधाम के सभी सक्रिय एवं आस्थावान श्रद्धालु तैयारी में जुटे हैं. इस संबंध में अखिल भारतीय मध्य देशीय वैश्य सभा जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साह उर्फ मोहन साह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री श्री 108 बाबा गणिनाथ गोविंद जयंती धूमधाम से मनायी जा रही है. समिति सदस्य एवं युवाओं की टीम तैयारी में जुटा है. इसके लिए कोसी क्षेत्र के गांव-गांव में बसे मध्य देशीय वैश्य समाज एवं भक्तजनों को दो दिवसीय पूजनोत्सव में भाग लेने के लिए आमंत्रण दिया जा रहा है. जिले के कहरा प्रखंड के बलहाडीह मंदिर टोला में बाबा गणिनाथ गोविंद जी का भव्य संगमरमर से निर्मित मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है. समारोह में समिति सदस्य संजय कुमार, संतोष कुमार लड्डू, कैलाश साह, अजीत कुमार अजय, सुनील मित्रा, दीपक साह, हरेराम साह, भूपि साह, शंकर साह, कृष्ण मोहन साह, नरेश साह, मनोज मिलन, सुनील गुप्ता, बृजमोहन साह सहित जिले के सभी प्रखंड के समिति सदस्य सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. मंदिर का इतिहास – अखिल भारतीय मध्य देशीय वैश्य सभा जिलाध्यक्ष ने बताया कि लगभग एक सौ वर्ष पहले वैशाली जिले के महनार स्थित गंगा नदी के तट पर पलवैया में बाबा का विशाल मंदिर था. गंगा नदी के कटाव में बाबा गणिनाथ मंदिर विलीन होने लगी तो 15 दिन पूर्व जिले के कहरा प्रखंड के बलहाडीह के झिंगुर दास के स्वप्न में पुष्पक विमान से बाबा पधारे एवं यहां पर प्रवास करने की इच्छा प्रकट की. उसी दिन से बाबा बलहाडीह स्थित भूवनेश्वर दास के जमीन पर भक्तों का पूजा-अर्चना, प्रवचन सभी धार्मिक अनुष्ठान मंदिर बनाकर किया जाने लगा. बाबा गणिनाथ मंदिर भव्य संगमरमर की बनायी गयी है. इसमें और भी अधिक कार्य किया जाना है.
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